Waqf Amendment Act : वक्फ संशोधन कानून को पास करनी SC की ये तीन परीक्षा

Supreme Court On Waqf Amendment Act : लोकसभा व राज्यसभा में वक़्फ़ बिल पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Bill) अब वक्फ संशोधन कानून बन चुका है। इस बीच मुस्लिम समाज ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ याचिका डाल कर इस कानून को चुनौती दी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कानून में कोई बदलाव न करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को तीन परीक्षाओं से गुजरना होगा। सुप्रीम कोर्ट कहां इन तीनों आधारों को देखते हुए इस याचिका को खारिज करना आसान नहीं होगा। 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा Waqf Amendment Act 

मुस्लिम समाज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14 और 15) का उल्लंघन बताते हुए एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा मुसलमान से भेदभाव का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इस कानून को संविधान के खिलाफ और धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन मानते हुए इसे चुनौती  दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस कानून में कोई भी बदलाव करने से फिलहाल इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को तीन आधारों से परखने की भी बात कही है। 

याचिका में मुस्लिम पक्ष ने दी ये दलील 

सुप्रीम कोर्ट में डर की गई थी आज का में मुस्लिम पक्ष ने संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लेख किया है। अनुच्छेद 25 और 26 में धार्मिक स्वतंत्रता धार्मिक मामलों के प्रबंधन की आजादी दी गई है। इस आधार पर मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि वक्फ संशोधन कानून में मुस्लिम समाज की आजादी में हस्तक्षेप होता और सरकारी दखलअंदाजी बढ़ जाएगी। इस याचिका में मुस्लिम पक्ष में केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि कानून में वक्फ बोर्ड के सदस्यों में गैर मुसलमानों को भी शामिल कर लिया गया है। 

कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं – Supreme Court

मुस्लिम पक्ष की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जवाब में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 25 और 26 व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता देता है। लेकिन वक्फ संशोधन कानून धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है बल्कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है। इसलिए इस याचिका में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार चीन का आरोप निराधार है। इसलिए इस कानून में किसी भी तरह का बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। 

Waqf Amendment Act को पास करनी होगी 3 परीक्षाएं  

वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “भले ही इस कानून में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है, लेकिन वक्फ संशोधन कानून 2025 के अदालत पहुंचने पर जरूरी हो जाता है कि किसी कानून पर विचार के तय कानूनी सिद्धांतों को देखा जाए।” सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, “अगर किसी कानून को परखने के कोर्ट के दायरे को देखा जाए तो वो थोड़ा सीमित होता है। किसी भी कानून को तीन आधारों, विधायी सक्षमता, संविधान का उल्लंघन और मनमाना होने के आधार पर कोर्ट परखता है। तीनों आधारों को देखा जाए तो शीर्ष अदालत से इसे खारिज कराना बहुत आसान नहीं लगता।”

सुप्रीम कोर्ट की तीन परीक्षाएं क्या है?

सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक वक्फ संशोधन कानून को तीन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना होगा। जिनमें पहली परीक्षा है- जिस व्यक्ति या संस्था ने कानून पारित किया है उसे इसका अधिकार नहीं था यानी विधायी सक्षमता (लेजिस्लेटिव कांपीटेंस), दूसरी परीक्षा है- वह कानून संविधान के किसी प्रविधान या मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो अथवा संविधान की मूल भावना के खिलाफ हो और तीसरी परीक्षा है- मनमाने ढंग से कानून पारित होना यानी आर्बीट्रेरीनेस। सुप्रीम कोर्ट ने कहा वक्फ संशोधन कानून को इन तीनों आधारों से गुजरना होगा तभी यह स्पष्ट कानून बन पाएगा। 

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