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सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई: गैर-मुस्लिम नियुक्तियों पर रोक, अगली सुनवाई 5 मई को

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 (WAQF Amendment Act 2025) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस आश्वासन को दर्ज किया कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी। साथ ही, ‘वक्फ बाय यूजर’ (WAQF By User) या अन्य किसी भी तरह से घोषित वक्फ संपत्तियों को डी-नोटिफाई नहीं किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 72 याचिकाएं

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में करीब 72 याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण है और उनकी धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप करता है। खास तौर पर, गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड और परिषद में शामिल करने, ‘वक्फ बाय यूजर’ की अवधारणा को हटाने और कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों की स्थिति बदलने का अधिकार देने जैसे प्रावधानों पर सवाल उठाए गए हैं।

सुनवाई के प्रमुख बिंदु

कानून के विवादित प्रावधान


वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

याचिकाकर्ताओं की दलील

याचिकाकर्ताओं, जिनमें कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं, ने तर्क दिया कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और संपत्ति अधिकारों का हनन करता है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि नए कानून ने लगभग 4 लाख ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों को एक झटके में गैर-वक्फ बना दिया, जिससे समुदाय को भारी नुकसान हो सकता है।

केंद्र का पक्ष

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि संशोधन लाखों लोगों की शिकायतों के आधार पर किए गए हैं, जिनमें गलत तरीके से निजी संपत्तियों और पूरे गांवों को वक्फ घोषित करने की बात शामिल है। उन्होंने कहा कि गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति सीमित है और यह बोर्ड की मुस्लिम संरचना को प्रभावित नहीं करती।

आगे क्या?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को “इन रे: वक्फ संशोधन अधिनियम” के रूप में औपचारिक रूप से नामित किया है। कोर्ट ने साफ किया कि वह सामान्य तौर पर किसी कानून पर रोक नहीं लगाता, लेकिन यह मामला अपवाद हो सकता है, क्योंकि ‘वक्फ बाय यूजर’ को हटाने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अगली सुनवाई 5 मई को दोपहर 2 बजे होगी, जिसमें कोर्ट कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाने पर विचार कर सकता है।

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