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कूलर को हो एसी बनाना तो ये ट्रिक जरूर आजमाना!

लोग बाजार जाते हैं और अपनी बजट के अनुसार कोई भी कूलर ले आते हैं ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है

गर्मी के सीजन में कूलर ( COOLER ) की खरीददारी काफी बढ़ जाती है। मगर ऐसी टेक्निकल चीजों को खरीदते समय लोग काफी कम ध्यान देते है। लोग बाजार जाते हैं और अपनी बजट के अनुसार कोई भी कूलर ले आते हैं। ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कूलर खरीदते वक्त कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिससे आपको कूलर से संबंधित भविष्य में जल्दी कोई समस्या नहीं होगी। साथ ही आपका बिजली का बिल भी कम आएगा। तो आइये जानते हैं,,,,

BLDC मोटर वाला कूलर ही खरीदें

आप बाजार जब भी कूलर लेने जाए तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें। जानकारी के लिए बता दें BLDC मोटर वाले कूलर बिजली की कम खपत करते हैं। साथ ही इनका रखरखाव भी कम होता है। इन कूलरों का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इनमें  मोटर में घर्षण और चिंगारी नहीं होती। साथ ही मोटर जल्दी खराब नहीं होती है। बीएलडीसी मोटर चलने पर शोर कम होने के साथ ही स्पीड को कंट्रोल किया जा सकता है।

इतने वॉट की मोटर बेहतर

कूलर खरीदते वक्त सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि कितने वॉट की मोटर ली जाए। तो आपको कम से कम 150-300 वॉट की मोटर वाला कूलर लेना चाहिए। कूलर की मोटर जितने वॉट की होगी उसकी हवा की दूरी भी उतनी ही होगी। यहां ध्यान देने वाली एक बात और है। जितने ज्यादा वॉट की मोटर होगी बिजली की खपत भी उतनी ही होगी।

पंपिंग मोटर का रखें खास ध्यान

ध्यान दें, जब भी कूलर खरीदें तो उसमें कौन सी मोटर लगी है। इस बात का भी खास ध्यान रखें। आपके कूलर की वाटर पंप फ्लो रेट 800 लीटर प्रति लीटर तक होनी चाहिए। जिसके कारण उसमे पानी का फ्लो अच्छे से होगा। साथ ही कूलिंग भी दोगुनी हो जाएगी। वाटर पंप आपके कूलर की कूलिंग सिस्टम को तय करता है।

कूलर में लगी घास पैड

बाजारों में उपलब्ध कूलर में हनीकॉम्ब पैड का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। जिसके कारण कूलर की कूलिंग कम होती जा रही है। इसके साथ ये काफी महंगे भी होते हैं। ऐसे पैड में गंदगी जमा होने का भी खतरा ज्यादा होता है। इसको बेहतर बनाने के लिए आपको हनीकॉम्ब की बजाय घास वाले पैड का इस्तेमाल करना चाहिए।

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