वक्फ विधेयक को फिर छिड़ेगा घमासान, अगले हफ्ते LOKSABHA में होगा पेश!

लोकसभा (LOKSABHA) में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की स्थिति मजबूत है, किसी भी विधेयक को पारित करने के लिए 272 वोटों की जरूरत होती है

NEW DELHI: अगले सप्ताह लोकसभा (LOKSABHA) में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसे लेकर सरकार और विपक्ष के बीच फिर टकराव हो सकता है। ज्यादातर विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। कैबिनेट ने वक्फ (संशोधन) विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दे दी है। ये बदलाव संसदीय पैनल ने सुझाए थे। अब इस विधेयक पर लोकसभा में चर्चा होगी और इसे पारित किया जाएगा।

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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने पेश किया था

इस विधेयक को अगस्त 2024 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा (LOKSABHA) में पेश किया था। इसके बाद इसे जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के पास भेजा गया था। संसदीय पैनल ने बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। लेकिन पैनल में शामिल 11 विपक्षी सांसदों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने अपनी असहमति भी दर्ज कराई थी।

अगले हफ्ते LOKSABHA में फिर से होगा पेश

655 पन्नों की यह रिपोर्ट इस महीने की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों में पेश की गई थी। पैनल ने ‘वक्फ बाय यूजर’ के प्रावधान को हटा दिया है। अब मौजूदा ‘रजिस्टर्ड वक्फ बाय यूजर’ को ही वक्फ माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि जो संपत्तियां विवादित हैं या सरकार के स्वामित्व में हैं, उन्हें वक्फ नहीं माना जाएगा।

गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का समर्थन

रिपोर्ट के मुताबिक, पैनल ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का समर्थन किया है। वक्फ बोर्ड में चार गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं। पैनल ने यह भी सिफारिश की है कि विवादों की जांच का अधिकार जिला कलेक्टरों से लेकर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को दिया जाना चाहिए।

LOKSABHA में एनडीए की स्थित मजबूत

राज्य वक्फ बोर्ड में अब मुस्लिम ओबीसी समुदाय से भी एक सदस्य होगा। इससे बोर्ड में सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा। लोकसभा (LOKSABHA) में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की स्थिति मजबूत है। किसी भी विधेयक को पारित करने के लिए 272 वोटों की जरूरत होती है। एनडीए के पास 543 में से 293 सीटें हैं। यानी एनडीए इस विधेयक को आसानी से पारित कर सकता है।

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