Rewa: एपीएसयू रीवा में आयोजित हुआ व्यास पूजन कार्यक्रम

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Rewa APSU News: कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. सुरेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि महर्षि वेदव्यास के कार्यों का महत्व पौराणिक काल से आज तक कायम है। भारतीय शिक्षा प्रणाली में भारतीयता का समावेश आवश्यक है, जो मूल्यों को प्रेरित करती है। उन्होंने भगवान श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा कि गुरु स्मरण से ही श्रीराम इस सृष्टि में ख्यातमान हैं।

Rewa APSU News: भारतीय शिक्षा मंडल, रीवा द्वारा अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के गणितीय विज्ञान विभाग में व्यास पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. सुरेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि महर्षि वेदव्यास के कार्यों का महत्व पौराणिक काल से आज तक कायम है। भारतीय शिक्षा प्रणाली में भारतीयता का समावेश आवश्यक है, जो मूल्यों को प्रेरित करती है। उन्होंने भगवान श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा कि गुरु स्मरण से ही श्रीराम इस सृष्टि में ख्यातमान हैं। श्री हनुमान ने गुरु की प्रेरणा से सुग्रीव से चर्चा कर लंका तक की यात्रा में माता सीता की खोज की। हनुमान के जीवन-प्रसंगों का वर्णन कर साहित्य ने ज्ञान की अविरल धारा प्रवाहित की है। इसी तरह भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का उल्लेख करते हुए उन्होंने शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों से भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ने का आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि डॉ. कमलेश गौतम, सहायक प्राध्यापक (रसायन विज्ञान विभाग) एवं भारतीय शिक्षा मंडल के प्रांतीय महामंत्री, ने कहा कि भारतीय शिक्षा मंडल भारतीय परंपरा से प्रेरित शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देता है। शिक्षा से संस्कृति का उत्थान होता है। व्यास पूजन कार्यक्रम आषाढ़ मास में इसी उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि गुरु ही ज्ञान प्राप्ति का स्रोत हैं और उनके मार्गदर्शन से विद्यार्थी श्रेष्ठ बनता है। गुरु की महिमा से राष्ट्र निर्माण संभव है। सभी को गुरु भक्ति के प्रति समर्पित रहना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि प्रो. अतुल कुमार तिवारी, प्राध्यापक (पर्यावरण जीव विज्ञान विभाग), ने कहा कि ईश्वर का स्थान ऊँचा है, परंतु गुरु का स्थान कभी कम नहीं होना चाहिए। गुरु रक्षक हैं और परिवार के संस्कारों का मूल्य सभी को बनाए रखना चाहिए। समाज, राष्ट्र और स्वयं के प्रति कृतज्ञता बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने चाणक्य, एकलव्य, द्रोणाचार्य, गुरु दक्षिणा, एकलव्य की अमरता, ठाकुर रामकृष्ण परमहंस, काली माता की सिद्धि आदि से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं गणितीय विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मृणाल श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को गुरु परंपरा के प्रति सम्मान का भाव जागृत करने और शिक्षा को मूल्य आधारित बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने व्यास पूजन के शुभ अवसर पर सभी विद्यार्थियों को गुरु के प्रति समर्पित रहने का संदेश दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता और वेदव्यास के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्पण के साथ हुआ। मंच संचालन डॉ. अनामिका दुबे ने किया, जबकि गीत डॉ. देवदास साकेत और आभार डॉ. के.के. जैसवाल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में सह प्राध्यापक डॉ. रामभूषण मिश्रा, सहायक प्राध्यापक डॉ. अपर्णा सिंह, डॉ. मुक्ता त्रिपाठी, डॉ. अनुराग मिश्रा, डॉ. शरण पांडेय, शोधार्थी धीरज सतनामी, अपर्णा मिश्रा, ज्योति मिश्रा और विद्यार्थियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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