भोपाल। मध्यप्रदेश का बहुचर्चित मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानि व्यापम पीएमटी घोटाला मामले में भोपाल के सीबीआई की अदालत ने अंहम फैसला सुनाते हुए 10 लोगो को 3-3 साल की कड़ी सजा एवं 16000 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। यह मामला साल 2009 का है। जब भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में प्रवेश पाने के लिए उक्त आरोपी एवं साल्वर तथा गिरोह संचालक ने हेराफेरी करके 4 लोगो को मेडिकल कॉलेज की परीक्षा पास करवाई और प्रवेश दिलान के लिए षड़यत्र किया था।
ये है आरोपी
अदालत ने जिन 10 लोगो को सजा सुनाई है। उनमें से 4 उम्मीदवार विकास सिंह, कपिल पारटे, दिलीप चौहान, प्रवीण कुमार को परीक्षा पासा कराने के लिए सॉल्वर नागेन्द्र कुमार, दिनेश शर्मा, संजीव पांडे, राकेश शर्मा, दीपक ठाकुर को परीक्षा में बैठाया था, यानि की असली परीक्षार्थियों की जगह ये साल्वर परीक्षा दिए थें, जबकि बिचौलिया सत्येन्द्र सिंह इस पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा था।
भष्टाचार के इस मामले की सुनवाई कर रही अदालत के विद्रवान न्यायाधीश ने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा जैसे गंभीर क्षेत्र में इस तरह का भष्टाचार और हेराफेरी किया जाना समाज के लिए घातक है। बताया जाता है कि इस मामले की जांच पहले एसटीएफ कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को सौपी गयी थी।