Votes for One Nation One Election: दोबारा वोटिंग में ‘एक देश एक चुनाव’ बिल को पक्ष में मिलें 220 वोट, विरोध जारी

Votes for One Nation One Election: मंगलवार को लोकसभा में संसदीय शीतकालीन सत्र के 17वें दिन केंद्रीय कानून मंत्री मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक देश एक चुनाव’ बिल को पेश किया। इस विधेयक पर विपक्ष के विरोध को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दोबारा वोटिंग कराने का निर्णय लिया। इस बार एक नेशन एक इलेक्श बिल के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई। जिसमें बिल के पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े। उधर, संसद में संविधान पर चर्चा जारी है। अब बिल को चर्चा के लिए जेपीसी भेजा जाएगा।

एक देश एक चुनाव की दोबारा वोटिंग | One Nation One Election

मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘एक देश एक चुनाव’ के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश किया। बिल पेश होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिल पर चर्चा के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को न्योता दिया। जिसपर विपक्षी दलों ने विधेयक पर आपत्ति दर्ज की। जिसके बाद ओम बिरला ने एक देश एक चुनाव बिल पर दोबारा वोटिंग कराने के लिए कहा।

दोबारा वोटिंग में पक्ष में पड़े ज्यादा वोट | Votes for One Nation One Election

लोकसभा में एक देश एक चुनाव बिल के लिए दूसरी बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने वोटिंग की प्रक्रिया को भली-भांति पूर्ण सदन में उपस्थित सभी सदस्यों को समझा दिया था। दोबारा वोटिंग में इस विधेयक के पक्ष में अधिक वोट पड़ें। एक देश एक चुनाव के बिल के पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़ें। जिसके बाद इस बिल को संसद में पेश कर दिया गया।

पहले पर्ची से कराई गई थी वोटिंग

दरअसल, सदन में आज 12:10 बजे केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक देश एक चुनाव बिल को पहले पेश किया था। पहले बिल के लिए वोटिंग पर्ची से कराई गई थी। जिसमें लेकिन बाद में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसलिए बाद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग करानी पड़ी। अब इस विधेयक विस्तृत चर्चा के लिए जेसीपी भेजा जाएगा।

एक देश एक चुनाव पर लंब चलेगी चर्चा | what is one nation one election bill

संसद में दोबारा विधेयक पेश होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को बोलने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस बिल पर चर्चा के लिए जितना समय चाहिए, उतना दिया जाएगा।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “पहले भी सारी व्यस्था दे दी है। पुरानी परंपरा भी बता दी है। मंत्रीजी ने भी कह दिया है कि जेपीसी गठित होगी। जेपीसी के समय व्यापक चर्चा होगी और सब दल के सदस्य होंगे। जब बिल आएगा तो सबको पूरा समय दिया जाएगा और डिटेल चर्चा होगी। जितने दिन आप चर्चा चाहेंगे, उतने दिन का समय दिया जाएगा।”

विपक्ष को बिल से आपत्ति

बता दें कि इस बिल को लेकर विपक्षी दलों ने सहमति दर्ज नहीं कराई है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी समेत कई दलों ने बिल को संविधान पर हमला बताया है। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि यह बिल सीधे संविधान के मूल्यों को चोट पहुंचाने वाला है। वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लाकर बीजेपी देश में तानाशाही लाने की कोशिश कर रही है।

आज संसद में तीन और बिल हुए पेश

एक देश एक चुनाव बिल के साथ ही मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े 3 कानूनों में संशोधन का बिल भी पेश किया। जिसमें द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट- 1963, द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली- 1991 और द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट- 2019 शामिल हैं। इसके जरिए जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए भी संशोधन किया जा सकता है।

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