Vivah Panchami Ayodhya Dhwajarohan 2025: अयोध्या में एक बार फिर से इतिहास रचने जा रहा है। जी हां अयोध्या अपने सबसे पावन क्षण का साक्षी बनने जा रहा है। राम मंदिर में 25 नवंबर 2025 को होने वाले भव्य ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां पूरे वैदिक रीति से आरंभ हो चुकी है। यह 5 दिवसीय अनुष्ठान 21 नवंबर 2025 शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है। इस अनुष्ठान के प्रारंभ होते ही संपूर्ण अयोध्या में मन्त्रो की गूंज, यज्ञ की पवित्र अग्नि और धूप दीप की सुगंध फैलने लगी है। अयोध्या नगरी एक बार पुनः दुल्हन की तरह सजी है क्योंकि प्रभु श्री राम माता सीता को ब्याह कर ला रहे हैं।

विवाह पंचमी 2025 के अनूठे मुहूर्त पर होगा ध्वजारोहण
जी हां 25 नवंबर 2025 का ऐतिहासिक क्षण विवाह पंचमी का दिन है जिस दिन भगवान श्री राम माता सीता को ब्याह कर अयोध्या लाए थे। और इसी दिन पर अयोध्या में भव्य ध्वजारोहण कार्यक्रम होगा और मंदिर में केसरिया धर्म ध्वज लहराएगा जिसके लिए राम जन्मभूमि अयोध्या में पांच दिवसीय विशेष अनुष्ठान आरंभ हो चुका है। इस दिव्य अनुष्ठान का साक्षी केवल अयोध्या नहीं बल्कि पूरा विश्व होगा और इस अनुष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वीआईपी और सम्माननीय गण मौजूद होंगे।
5 दिवसीय दिव्य अनुष्ठान का पूरा विवरण
- कार्यक्रम की शुरुआत 21 नवंबर 2025 से हो चुकी है जिसमें पहले मंडप प्रवेश और वेदी पूजन किया गया। अब 10 लाख आहुतियां यज्ञ में दी जाएगी। इसके अलावा यज्ञ कुंड में अग्नि देव का प्राकट्य अरणी मंथन के जरिए किया जाएगा साथ ही चतुर्वेदी का पारायण और देवी देवताओं का सूक्त पाठ आरंभ किया गया है।
- 22 से 24 नवंबर तक रोजाना मंत्र यज्ञ जारी रहेंगे। श्री राम नाम के मन्त्रो से विशेष आहुतियां दी जाएगी और मंदिर परिसर में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी
- इसके बाद आएगा 25 नवंबर का वह विशेष दिन जिस दिन ध्वजारोहण का कार्यक्रम होगा। ध्वजारोहण का मुहूर्त 12:00 से 12:30 तक निकाला गया है। इस दिन मंदिर परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे और लगभग 4 घंटे तक यह विशेष कार्यक्रम चलेगा। जिसमें सप्तमंडलम में ऋषियों का नमन किया जाएगा और 190 फीट ऊंचा शिखर पर धर्म ध्वज फहराया।
कुल मिलाकर अयोध्या में आयोजित होने वाला यह विशिष्ट अनुष्ठान भारत की संस्कृति पारंपरिक वैदिक विधि और धार्मिक पुनरुत्थान का प्रतीक है। इस संपूर्ण कार्यक्रम के अंतर्गत हवन, सूक्त पाठ, ऋषि वंदना और वैदिक परंपराओं का अनूठा संगम देखने को मिलेगा जो निश्चित ही हर भारतीय को गर्व और भक्ति से भर देगा।
