VIP darshan facility in Mahakal Bhasmarti will be closed: उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन की व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव किया जा रहा है। यह व्यवस्था सावन महीने से लागू होगी। जिसके बाद से भस्मारती में वीआईपी दर्शन की मिलाने वाली सुविधा बंद हो जाएगी। दरअसल सावन महीने में महाकाल के भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ मिल सके इसलिए वीआईपी दर्शन की सुविधा को बंद करने पर विचार किया जा रहा है। इसकी पुष्टि कलेक्टर नीरज सिंह ने की है। हालांकि इस पर आधिकारिक निर्णय मंदिर समिति की बैठक में लिया जाना बाकी है।
बतादें कि उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफ़ा हुआ है। सावन के महीने में भक्तों की तादाद और भी बढ़ जाती है। वीकेंड होने की वजह से शनिवार-रविवार को सबसे ज्यादा भीड़ होती है। इन दिनों में करीब डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इनमें से करीब 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल होने की मंशा लेकर आते हैं। लेकिन सीट लिमिटेड होने की वजह से भस्म आरती में शामिल नहीं हो पाते। महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज सिंह के मुताबिक वीकेंड पर शनिवार-रविवार को भीड़ अधिक रहती है। ऐसे में आम लोगों को सुविधा देने के लिए मंदिर में कुछ नए नियम लागू किये जाने पर विचार किया जा रहा है। जिसके तहत शनिवार-रविवार को भस्म आरती में मिलने वाला वीआईपी दर्शन को खत्म किया जा रहा है। अगले माह सावन से इसकी शुरुआत की जाएगी।
भस्म आरती के लिए व्यवस्था
महाकाल मंदिर में नई व्यवस्था लागू होने से करीब 700 आम श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिल पायेगा। आमतौर पर 1700 लोगों को भस्म आरती में प्रवेश दिया जाता है। दरअसल पहले 1800 लोगों को भस्म आरती में प्रवेश मिलता था, लेकिन इसी साल होली पर आग लगने की घटना के बाद यह संख्या घटाकर 1700 कर दी गई। इसके अलावा आम भक्तों के लिए 400 ऑनलाइन परमिशन हैं जो घर बैठे ली जा सकती है। जबकि ऑफलाइन परमिशन की संख्या 300 है। जिसकी परमिशन मंदिर के काउंटर पर बनवानी पड़ती है। इसके लिए सुबह से लाइन पर लगना पड़ता है। वहीं पंडे-पुजारियों के वीआईपी दर्शन की 300 परमिशन हैं। इसके अलावा, जिला प्रोटोकॉल, जनप्रतिनिधि, न्याय विभाग, मंत्री, विधायक, अधिकारी व मीडिया सहित सांसद के वीआईपी दर्शन मिलाकर करीब 400 परमिशन रोजाना बनती हैं। इस तरह से वीआईपी दर्शन के लिए कुल 700 परमिशन बनाई जाती हैं। नई व्यवस्था के तहत शनिवार-रविवार को यह सुविधा अब आम श्रद्धालुओं को मिलेगी। क्योंकि शनिवार-रविवार को वीआईपी दर्शन की परमिशन नहीं बनाई जाएगी।
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