पश्चिम बंगाल में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प, मंदिर में तोड़फोड़ का आरोप

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West Bengal Violence: पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और कोलकाता पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया। इस घटना में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा में पांच लोग घायल हुए, जिनमें एक महिला पुलिसकर्मी सहित कई पुलिसवाले भी शामिल हैं।

West Bengal Mandir controversy: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के रवींद्रनगर में बुधवार को दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई। उपद्रवियों ने रवींद्रनगर पुलिस थाने के बाहर पथराव किया, टायर जलाए और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और कोलकाता पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया। इस घटना में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा में पांच लोग घायल हुए, जिनमें एक महिला पुलिसकर्मी सहित कई पुलिसवाले भी शामिल हैं। घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

भाजपा का आरोप: शिव मंदिर में हुई तोड़फोड़

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा नेताओं ने दावा किया कि मेटियाब्रुज विधानसभा क्षेत्र के महेशतला वार्ड नंबर 7 में एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ की गई। शुभेंदु ने कोलकाता पुलिस मुख्यालय के बाहर धरना दिया और रवींद्रनगर थाने के इंस्पेक्टर मुकुल मिया को निलंबित करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मुकुल मिया ने हिंसा के दौरान जानबूझकर लापरवाही बरती, जिससे उपद्रवियों को संगठित होने का मौका मिला। शुभेंदु ने इंस्पेक्टर के कथित राजनीतिक जुड़ाव की जांच और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने हिंदू समुदाय को निशाना बनाया और पीड़ितों के बजाय हमलावरों को संरक्षण दिया।

भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने भी राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमलावरों के बजाय पीड़ितों के खिलाफ कार्रवाई की। दोनों नेताओं ने राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की।

तृणमूल का जवाब-भाजपा दे रही स्थानीय विवाद को सांप्रदायिक रंग

तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक स्थानीय विवाद था, जिसे भाजपा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने हिंसा की निंदा की और घायल पुलिसकर्मियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।

पहले भी भड़की थी हिंसा

इससे पहले, 11-12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में नए वक्फ बोर्ड कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। उस घटना में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे।

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