पुणे के दौंड में हिंसा! शिवाजी महाराज के अपमान के बाद मस्जिद पर पथराव, गाड़ियां जलाईं

Pune Daund Violence: महाराष्ट्र के पुणे जिले के दौंड तहसील के यवत इलाके में एक मुस्लिम युवक द्वारा सोशल मीडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ (Objectionable post against Chhatrapati Shivaji Maharaj in Pune) आपत्तिजनक पोस्ट करने के बाद तनाव फैल गया. गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को सैकड़ों युवाओं की भीड़ ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके दौरान एक मस्जिद (Mosque Stone Pelting Pune Daund) पर पथराव किया गया और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया .

इस घटना ने क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा दिया है (Communal Tension Maharashtra).घटना की शुरुआत तब हुई जब एक स्थानीय मुस्लिम युवक ने कथित तौर पर शिवाजी महाराज की प्रतिमा और उनके इतिहास को लेकर अपमानजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर पोस्ट की (Chhatrapati Shivaji Maharaj Insult). यह पोस्ट वायरल होने के बाद स्थानीय हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया, और देखते ही देखते यवत बाजार में हजारों लोग जमा हो गए (Hindu Community Outrage). प्रदर्शनकारियों ने न केवल मस्जिद पर पत्थर फेंके, बल्कि कई दुकानों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया (Vehicle Arson Pune).

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. पुणे ग्रामीण पुलिस ने बताया कि हिंसा में शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, और आरोपी युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 295A और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने यह भी कहा कि इलाके में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं, और स्थिति अब नियंत्रण में है.

स्थानीय बीजेपी विधायक ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, लेकिन उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील भी की.विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना महाराष्ट्र में बढ़ते सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को दर्शाती है, खासकर जब बात ऐतिहासिक शख्सियतों जैसे शिवाजी महाराज की आती है, जिन्हें मराठा गौरव का प्रतीक माना जाता है.

पिछले कुछ महीनों में, शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं और उनके सम्मान को लेकर कई विवाद सामने आए हैं, जिसने सामाजिक तनाव को और बढ़ाया है (Shivaji Statue Controversies). मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा, “पुणे की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करता हूं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.” यह घटना एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द और सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर सवाल उठाती है

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