Bangladesh Elections 2024: 7 जनवरी की सुबह बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गए हैं. एक तरफ देश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) की नजर अपनी पांचवी जीत पर है तो दूसरी तरफ बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) और उनकी सहयोगी दलों ने इस चुनाव का बहिष्कार कर रखा है.
5 जनवरी की रात राजधानी ढाका के गोपीबाग के पास एक ट्रैन में आग लग गई थी. इस घटना में 5 लोगों की मौत हो गई है. पुलिस ने संदेह जताया था कि किसी ने जानबूझकर आग लगाई है. चुनाव से ठीक एक पहले हुए इस घटना की वजह से देश भर में तनाव का महौल है. इस ट्रेन हादसा के बाद मुख्य विपक्षी दल BNP ने दो दिन का राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
BNP क्यों कर रहा है चुनाव का बहिष्कार?
बांग्लादेश में चुनाव Bengladesh Election के समय हिंसा कोई नई बात नहीं है. बांग्लादेश में चुनाव का एक लम्बा इतिहास रहा है. विपक्ष के आरोप हैं कि शेख हसीना (Sheikh Hasina) की पार्टी अवामी लीग चुनाव प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ करती है. निर्दलीय उम्मीदवारों के जगह वो अपने से जुड़े लोगों को डमी उम्मीदवार के तौर पर उतारते हैं. जो उनसे मिले हुए होते हैं. हालांकि,शेख हसीना की पार्टी ने इन आरोपों को खारिज किया है.
बीते साल, अक्टूबर के महीने में देश में इसी मुद्दे को लेकर बहुत उठापटक हुई थी. उस वक्त ऐसी मांग की जा रही थी कि शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें और चुनाव कराने के लिए एक कार्यवाहक सरकार बनाई जाए. इन मांगो के बीच सरकार के खिलाफ एक विरोध रैली भी निकाली गई। इस विरोध रैली से कई हिंसा की खबरें भी सामने आई. इन सारे विरोध प्रदर्शन के बावजूद भी विपक्षी दल के इन मांगों को नहीं माना गया. शेख हसीना (Sheikh Hasina) के प्रशासन ने कहा कि कार्यवाहक सरकार को अनुमति देना ये कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है.
ऐसी खबर सामने आ रही है कि विपक्षी पार्टी चुनाव का बहिष्कार तो कर ही रही है साथ ही देश की जनता को भी वोट न डालने की अपील कर रही है. 12वें आम चुनावों के लिए देश के सथानीय समय अनुसार 8 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाला जाएगा। उम्मीद है कि नतीजे 8 जनवरी की सुबह से आने शुरू जाएंगे। कुल 27 राजनितिक पार्टियों के 1,500 से ज्यादा उम्मीदवार इस बार चुनावी मैदान में है.
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काज़ी हबीबुल अवल ने चेतावनी दी है कि अगर मतदान प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी पाई गई, तो चुनाव को रद्द कर दिया जाएगा। चुनाव की मॉनिटरिंग के लिए 100 से ज्यादा विदेशी पर्यवेक्षक बुलाए गए हैं. इन पर्यवेक्षकों में तीन भारत से भी हैं.