Vinod Kumar Shukla Death News: हिंदी साहित्य की दुनिया को बड़ा झटका लगा है। प्रख्यात कवि, उपन्यासकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता विनोद कुमार शुक्ल ((Vinod Kumar Shukla) का 23 दिसंबर 2025 को रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। (Vinod Kumar Shukla Death Raipur AIIMS) वे 88 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। सांस लेने में तकलीफ के कारण 2 दिसंबर को उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। (Vinod Kumar Shukla Death Reason) हाल ही में उन्हें हिंदी साहित्य का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था, जो छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार को ये सम्मान था। (Jnanpith Award Vinod Kumar Shukla) उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
विनोद कुमार शुक्ल का जीवन परिचय:
Vinod Kumar Shukla Biography: विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था। (Vinod Kumar Shukla Birth Place) वे रायपुर में रहते थे और प्राध्यापन को अपना पेशा बनाकर साहित्य सृजन में लगे रहे। उनकी रचनाएं सादगी, जादुई यथार्थवाद और आम जीवन की गहराई के लिए मशहूर हैं। (Vinod Kumar Shukla Writing Style) उनकी पहली कविता (First Poem Vinod Kumar Shukla) ‘लगभग जयहिंद’ 1971 में प्रकाशित हुई।
विनोद कुमार शुक्ल की प्रमुख रचनाएं: ‘Major works of Vinod Kumar Shukla:
- विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास: ‘नौकर की कमीज’ (मणि कौल ने फिल्म बनाई), ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’, ‘खिलेगा तो देखेंगे’।
- विनोद कुमार शुक्ल का कविता संग्रह: ‘लगभग जयहिंद’, ‘वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहनकर विचार की तरह’। उनकी रचनाएं हिंदी साहित्य में अनोखी जगह रखती हैं, जहां साधारण जीवन की गहराई को जादुई तरीके से पेश किया गया। (Vinod Kumar Shukla Novels Poetry Legacy)
छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार को मिला सर्वोच्च सम्मान
Jnanpith Award Vinod Kumar Shukla Chhattisgarh: इस साल विनोद कुमार शुक्ल को 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला, जो हिंदी साहित्य का सबसे बड़ा सम्मान है। (59th Jnanpith Award Vinod Kumar Shukla) बीमारी के कारण पुरस्कार उनके घर पर ही दिया गया। वे छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार थे जिन्हें ये सम्मान मिला।
उनके निधन पर साहित्य जगत शोक में डूब गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक व्यक्त किया और अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से करने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले उनकी तबीयत का हाल जाना था। (CM Vishnu Deo Sai Condolence Vinod Kumar Shukla) साहित्यकारों ने उन्हें हिंदी का अनमोल रत्न बताया।

