Gippy-Ball Game: केंद्र ने राज्य सरकार को पिट्टू खेल को लेकर जो गाइडलाइन भेजी है उसमें कहा गया है कि पिट्टू भारत के सबसे पुराने और पारंपरिक खेलों में से एक है. यह प्राचीन और पारंपरिक खेल हजारों सालों से खेला जा रहा है, जिसे देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भगवान श्रीकृष्ण भी अपने मित्रों के साथ पिट्टू खेलते थे. जिसका उल्लेख 5000 साल पहले लिखित हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ भागवत पुराण में मिलता है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने सभी क्षेत्रीय संचालकों और कालेजों में शारीरिक शिक्षा के प्रभारियों को निर्देश जारी किए कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कालेजों में अब भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय खेल पिट्टू खिलाया जाएगा। पिट्टू फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के गठन के बाद केंद्र सरकार ने इसको लेकर राज्य सरकार को पत्र भेजा था जिसके क्रियान्वयन के लिए शैक्षणिक संस्थानों को स्कूल, कॉलेज के वार्षिक खेल कैलेंडर में यह गेम शामिल करने के लिए कहा गया है. मध्यप्रदेश के बघेलखण्ड क्षेत्र में यह गिप्पी-गेंद के नाम से जाना जाता है.
भागवत पुराण में भी है गिप्पी-गेंद का उल्लेख
केंद्र ने राज्य सरकार को पिट्टू खेल को लेकर जो गाइडलाइन भेजी है उसमें कहा गया है कि पिट्टू भारत के सबसे पुराने और पारंपरिक खेलों में से एक है. यह प्राचीन और पारंपरिक खेल हजारों सालों से खेला जा रहा है, जिसे देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भगवान श्रीकृष्ण भी अपने मित्रों के साथ पिट्टू खेलते थे. जिसका उल्लेख 5000 साल पहले लिखित हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ भागवत पुराण में मिलता है. शास्त्रों के अनुसार इस खेल की शुरुआत दक्षिण भारत से हुई थी. प्राचीन काल में पिट्टू का खेल पत्थरों को इकठ्ठा करके खेला जाता था, जिसमें खिलाडियों की संख्या और समय की कोई सीमा नहीं थी और इसका कोई आकार भी नहीं था। खेल के मैदान और खिलाडी अपनी इच्छानुसार कहीं भी खड़े हो सकते हैं.
पत्थरों की जगह अब प्लास्टिक के 7 टुकड़े रखे जाएंगे
पिट्टू खेल की प्रतियोगताएं ग्राम स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आयोजित करने के लिए अब 26 मीटर लंबे और 14 मीटर चौड़े मैदान में खेलने के नार्म्स बनाए गए हैं. इसके तीन जोन और टीम में 10 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से 6 खिलाड़ी खेलते हैं और 4 खिलाड़ी स्थान्नापन्न हैं. पिट्टू मजबूत प्लास्टिक से बना है. खेल के दो हिस्सों में दो टीमों के बीच 10-10 मिनट खेला जाना है. पहले खेल में पत्थर उपयोग होते थे और अब इसकी जगह प्लास्टिक के सात टुकड़े रहते हैं जिसमें सात टुकड़ों से बने पिट्टू सेट को गेंद से गिराकर और उन्हें उसी क्रम में पुनः एकत्रित करके अंक अर्जित करता है. दूसरी टीम इसे रोकने का काम करती है. इसके लिए अंक भी तय कर दिए गए हैं. इस खेल के लिए अलग-अलग एज ग्रुप 10 से 14 साल, 14 से 18 साल से अधिक वाले तय किए गए हैं.