Villagers in Rewa are living wearing helmets: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के शंकरपुर महेवा गांव के निवासी इन दिनों डर और दहशत के साए में जीवन बिता रहे हैं। गांव के पास चल रही क्रेशर मशीनों की अनियंत्रित ब्लास्टिंग से कभी भी पत्थर का टुकड़ा उड़कर किसी के घर या सिर पर गिर सकता है। प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ ग्रामीणों ने अनोखा विरोध शुरू किया है। जिसके तहत हेलमेट पहनकर रहना और थाली बजाकर शोर मचा रहे हैं। यह प्रतीकात्मक विरोध सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे समस्या ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।
ब्लास्टिंग से घरों में पत्थर गिर रहे, दरारें पड़ रही
ग्रामीणों के अनुसार, नजदीकी क्रेशर यूनिटें मनमाने ढंग से ब्लास्टिंग कर रही हैं, जिससे उड़ते पत्थरों से घरों को नुकसान पहुंच रहा है। कई मकानों में गहरी दरारें पड़ चुकी हैं, जबकि कच्चे घर गिरने की कगार पर हैं। स्थानीय निवासी अमन पटेल ने बताया, “हर ब्लास्ट के साथ दिल दहल जाता है। पत्थर घरों में गिरते हैं, और डर लगता है कि कहीं सिर पर न लग जाए। इसलिए अब हम घर के अंदर भी हेलमेट पहनकर रहते हैं। “इसके अलावा, ब्लास्टिंग से निकलने वाली धूल और धुआं हवा को जहरीला बना रहा है, जिससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। तेज धमाकों की आवाज से न केवल इंसान, बल्कि मवेशी भी भयभीत हो जाते हैं। रामलली पटेल ने कहा, “हमारा गांव अब असुरक्षित जंगल जैसा हो गया है। न इंसान बच रहा, न पशु।”
जान को खतरा, प्रशासन मौन
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्रेशर यूनिटें शासन की पर्यावरणीय और सुरक्षा गाइडलाइंस का खुला उल्लंघन कर रही हैं। न तो ब्लास्टिंग के लिए निर्धारित दूरी का पालन हो रहा है, न ही धूल नियंत्रण के उपाय। ग्रामीणों ने चेतावनी दी, “यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो गांव छोड़ देंगे। बार-बार शिकायतें कीं, लेकिन कोई फायदा नहीं।” मामले में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने बताया, “हमें अब इस समस्या की जानकारी मिली है। मामले की गहन जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पर्यावरण विभाग को भी पत्र लिखा गया है।”