मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) के कथित आपत्तिजनक टिप्पणी कर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। शाह पर आरोप है कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के संदर्भ में कर्नल सोफिया (Colonel Sofiya Qureshi) को “पाकिस्तानी आतंकियों की बहन” कहकर उनकी वीरता का मजाक उड़ाया। इस बयान ने न केवल सेना और नारी शक्ति का अपमान किया, बल्कि सोशल मीडिया पर #SofiaQureshi और #VijayShah ट्रेंड्स के साथ जबरदस्त हंगामा भी मचा दिया। कांग्रेस ने इसे “घिनौना” और “नारी शक्ति का अपमान” करार देते हुए शाह के इस्तीफे की मांग की है।
विवाद का केंद्र: शाह का बयान
महू में एक सभा को संबोधित करते हुए विजय शाह ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) का जिक्र करते हुए कहा, “उन्होंने हमारे हिंदुओं को मार डाला, इसलिए मोदी जी ने उनकी बहनों को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कर दी।” इस बयान को कर्नल सोफिया कुरैशी पर निशाना माना गया, जो ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली पहली महिला सैन्य अधिकारी हैं। इस ऑपरेशन में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, जिसमें 70 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सोफिया ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wing Commander Vyomika Singh) के साथ मिलकर इस ऑपरेशन की प्रेस ब्रीफिंग दी थी, जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा गया।
शाह का यह बयान न केवल सोफिया की वीरता को कमतर करता है, बल्कि उनकी धार्मिक पहचान पर भी सवाल उठाता है। शाह ने मंच से यह भी कहा कि “हमने उनके (आतंकियों के) घर में घुसकर उनकी बहन को भेजा और सबक सिखाया।” इस टिप्पणी को कांग्रेस ने “सेना का अपमान” और “महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा” करार दिया।
कांग्रेस का पलटवार, सोशल मीडिया पर तूफान
कांग्रेस ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने X पर पोस्ट किया, “भाषा की मर्यादा और सभ्यता की सारी सीमाएं लांघते हुए विजय शाह ने घिनौना बयान दिया है। कर्नल सोफिया कुरैशी का अपमान पूरे भारत की नारी शक्ति का अपमान है।” पार्टी ने बीजेपी से शाह को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की, वरना इसे “बीजेपी की सोच” माना जाएगा। कांग्रेस नेता उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने कहा, “सेना का कोई धर्म नहीं होता। सैनिक देश के लिए लड़ते हैं, और शाह का यह बयान सेना की शहादत को कलंकित करता है।”
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने शाह की कड़ी आलोचना की। एक यूजर ने लिखा, “कर्नल सोफिया राष्ट्रीय गौरव हैं। उन्हें आतंकियों की बहन कहना सेना पर हमला है।” दूसरे ने कहा, “यह भारत की बेटी का अपमान है। शाह को माफी मांगनी चाहिए।” कुछ न्यूज़ पोर्टल्स ने इसे “बेशर्मी की हद” बताया। हालांकि, कुछ यूजर्स ने शाह के बयान को “हल्की-फुल्की टिप्पणी” कहकर बचाव करने की कोशिश की, लेकिन आलोचना का सैलाब इस पर भारी पड़ रहा है।
विजय शाह की सफाई, मगर विवाद थमा नहीं
विवाद बढ़ने पर विजय शाह ने सफाई दी कि उनके बयान को “गलत तरीके से पेश किया गया” और उनका इरादा किसी का अपमान करना नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की थी। यह गलतफहमी है।” लेकिन उनकी यह सफाई विपक्ष को शांत करने में नाकाम रही। कांग्रेस ने इसे “खोखला बहाना” बताया और विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की बात कही। पार्टी शाह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी तैयारी कर रही है।
कर्नल सोफिया कुरैशी: देश की शान
कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sofia Qureshi) भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी हैं, जिन्होंने 1999 में कमीशन प्राप्त किया था। गुजरात की रहने वाली सोफिया ने 2016 में एक्सरसाइज फोर्स 18 में भारत की पहली महिला कंटिंजेंट कमांडर के रूप में इतिहास रचा। 2006 में वह UN पीसकीपिंग मिशन में कांगो में तैनात थीं। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका और प्रेस ब्रीफिंग ने उन्हें राष्ट्रीय हीरो बना दिया। सोफिया का परिवार सैन्य पृष्ठभूमि से है; उनके दादा और पति भी सेना में हैं। सोफिया ने ऑपरेशन की ब्रीफिंग में कहा था, “हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर सबक सिखाया।”
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का पृष्ठभूमि
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसारन मीडो (Baisaran Meadow) में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया और महिलाओं को “मोदी को संदेश देने” के लिए छोड़ दिया। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर और अन्य जगहों पर 24 मिसाइल हमलों से 70 आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन को “नारी शक्ति” का प्रतीक माना गया, क्योंकि इसका नाम उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया, जिनके पति हमले में मारे गए।
बीजेपी की चुप्पी, सियासत गर्म
बीजेपी ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिसे कांग्रेस “मौन समर्थन” बता रही है। शाह का यह बयान बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है, खासकर तब जब ऑपरेशन सिंदूर को वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत का प्रतीक माना जा रहा है। विजय शाह पहले भी महिलाओं पर टिप्पणियों के लिए विवादों में रह चुके हैं, और यह नया बयान उनकी छवि को और नुकसान पहुंचा सकता है।
विजय शाह का बयान न केवल कर्नल सोफिया कुरैशी की वीरता का अपमान है, बल्कि भारतीय सेना और नारी शक्ति के खिलाफ भी एक गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी है। यह विवाद मध्य प्रदेश की सियासत को और गर्मा सकता है, खासकर तब जब कांग्रेस इसे विधानसभा और सड़कों पर उठाने की तैयारी में है। क्या शाह की यह टिप्पणी बीजेपी के लिए नई मुसीबत बनेगी, या उनकी सफाई इसे ठंडा कर देगी? यह तो आने वाला वक्त बताएगा।