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Supreme Court का बड़ा फैसला: Vijay Shah को गिरफ्तारी से राहत, SIT जांच के आदेश

मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह (Vijay Shah Case) को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sophia Qureshi) पर विवादित बयान मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, लेकिन उनकी माफी को खारिज करते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठन का आदेश दिया। इस फैसले से शाह की कानूनी मुश्किलें फिलहाल टली हैं, लेकिन जांच के नतीजे उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।

विवाद का कारण

विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रीफिंग देने वाली कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्हें “आतंकवादियों की बहन” कहा गया। यह बयान एक वायरल वीडियो के जरिए सामने आया, जिसके बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया। शाह ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

विजय शाह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Supreme Court’s decision on Vijay Shah: जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान शाह की माफी को “बचने का तरीका” और “मगरमच्छ के आंसू” करार दिया। कोर्ट ने कहा, “आप एक पब्लिक फिगर हैं, आपके शब्दों का असर होता है। बोलते समय सावधानी बरतें।” कोर्ट ने तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों की SIT गठन का निर्देश दिया, जिसमें एक महिला अधिकारी होगी, जो मध्यप्रदेश के बाहर से होगी। यह टीम मामले की निष्पक्ष जांच करेगी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

कांग्रेस ने शाह के बयान को सेना का अपमान बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “यह बयान देश की एकता को कमजोर करता है।” जीतू पटवारी ने BJP पर शाह को बचाने का आरोप लगाया। वहीं, BJP के भीतर सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व इस मामले पर नजर रखे हुए है, और SIT की रिपोर्ट के आधार पर शाह के मंत्रिमंडल में बने रहने का फैसला हो सकता है।

शाह का पक्ष

शाह ने माफी मांगते हुए कहा कि उनका बयान गलत समझा गया और उनका इरादा पहलगाम हमले में शहीद सैनिकों के प्रति संवेदना जताना था। उन्होंने कर्नल सोफिया को “बहन से भी ज्यादा सम्मानित” बताया। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया।

आगे क्या?

SIT जांच के नतीजे शाह के लिए निर्णायक होंगे। यदि जांच में गंभीर तथ्य सामने आए, तो उनकी गिरफ्तारी या मंत्रिमंडल से हटाने की संभावना बढ़ सकती है। दूसरी ओर, BJP के कुछ नेताओं का मानना है कि अन्य नेताओं के विवादित बयानों ने शाह पर से ध्यान हटा दिया है। मध्यप्रदेश की सियासत में यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

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