Vice president Jagdeep Dhankar :उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने हालिया बयान में भारतीय न्यायपालिका की कड़ी आलोचना की। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि लोगों का न्याय व्यवस्था पर भरोसा लगातार कम होता जा रहा है। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति को कार्रवाई करने का निर्देश देने के न्यायपालिका के अधिकार पर सवाल उठाया है। जगदीप धनखड़ ने हाल ही में हुई एक घटना का जिक्र किया जिसमें एक जज के पास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी, फिर भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका की भूमिका, पारदर्शिता और हाल की घटनाओं को लेकर चिंता जताई।
उपराष्ट्रपति ने न्यायपालिका की आलोचना की। Vice president Jagdeep Dhankar
जगदीप धनखड़ ने कार्यपालिका और विधायिका के मामलों में न्यायपालिका के हस्तक्षेप को लेकर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने हाल ही में दिल्ली में एक जज के आवास पर हुई घटना और नकदी बरामद होने तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति को निर्देश दिए जाने के मद्देनजर ये सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, कार्यपालिका का काम खुद करेंगे और सुपर संसद की तरह काम करेंगे। हाल ही में लिए गए एक फैसले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम कहां जा रहे हैं। देश में क्या हो रहा है।
जगदीप धनखड़ ने कहा- अनुच्छेद 142 उनके लिए परमाणु मिसाइल बन गया है।
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह बात वाइस प्रेसिडेंट एन्क्लेव में राज्यसभा प्रशिक्षुओं के छठे बैच को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बच्चों से कहा कि हमें बहुत संवेदनशील होना होगा। यह समीक्षा दाखिल करने या न करने का सवाल नहीं है। राष्ट्रपति से समय रहते फैसला लेने के लिए कहा जा रहा है। अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित विधेयक कानून बन जाता है। अनुच्छेद 142 न्यायपालिका के लिए परमाणु मिसाइल बन गया है। इसका इस्तेमाल लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को दरकिनार करने के लिए किया जा रहा है।