Venezuela US Tension: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव (Tensions between the US and Venezuela) चरम पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump Action Against Venezuela) वेनेजुएला के ड्रग नेटवर्क्स को निशाना बनाने के लिए सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर हमले शामिल हो सकते हैं। अमेरिकी नौसेना ने अपना सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप यूरोप से कैरिबियन क्षेत्र में तैनात कर दिया है, जबकि वेनेजुएला ने रूस से मिली 5,000 मिसाइलें तैनात कर ली हैं।
ड्रग ठिकानों पर निशाना
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने USS जेराल्ड आर फोर्ड नौसेना का सबसे बड़ा और एडवांस जहाजी बेड़ा को कैरिबियन की ओर रवाना करने का आदेश दिया है। CNN के अनुसार, व्हाइट हाउस के तीन अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप ने वेनेजुएला के भीतर ड्रग ठिकानों और तस्करी रूट्स पर हमले की संभावना पर चर्चा तेज कर दी है। हालांकि, अंतिम फैसला बाकी है, लेकिन CIA को देश में गुप्त ऑपरेशन्स की मंजूरी मिल चुकी है।
ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो खुद ड्रग तस्कर हैं और कार्टेल्स के साथ मिलकर अमेरिका में फेंटानाइल-मिश्रित कोकीन भेज रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, मदुरो के पास 7 टन कोकीन है, जो अमेरिका भेजने की तैयारी में है। पिछले महीने से अब तक इंटरनेशनल वॉटर्स में वेनेजुएला के ड्रग जहाजों पर अमेरिकी हमलों में 43 लोग मारे गए, जिसमें हालिया एक हमले में 6 की मौत हुई। ट्रंप ने कहा, “कूटनीतिक बातचीत का रास्ता खुला है, लेकिन ड्रग्स की आवाजाही रोकनी ही होगी।”
वेनेजुएला का जवाब: 5,000 मिसाइलें तैनात, ‘साम्राज्यवाद का मुकाबला’
वेनेजुएला ने अमेरिकी धमकियों का कड़ा जवाब दिया है। राष्ट्रपति मदुरो ने घोषणा की कि देश ने रूस से प्राप्त 5,000 इग्ला-एस मिसाइलें तैनात कर दी हैं। मदुरो ने कहा, “हमारे पास 5,000 मिसाइलें हैं, जो देश की शांति और आजादी की रक्षा करेंगी। ये हथियार हवा में कम दूरी के हमलों को रोकने के लिए तैयार हैं। वेनेजुएला की सेना अपनी मातृभूमि की एक-एक इंच जमीन की रक्षा के लिए तैयार है।” यह बयान अमेरिकी वॉरशिप्स के ऊपर वेनेजुएला के F-16 फाइटर जेट्स की उड़ान के बाद आया, जिसकी अमेरिका ने कड़ी निंदा की और चेतावनी दी, “ताकत दिखाने की कोशिश न करें, अंजाम बुरा होगा।”
ड्रग युद्ध से जन्मा संकट
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच दशकों पुराना विवाद है। वेनेजुएला अमेरिकी ‘पूंजीवादी साम्राज्यवाद’ की आलोचना करता है, जबकि अमेरिका मानवाधिकार उल्लंघनों और चुनाव धांधली पर नाराज है। 100 साल पहले तेल भंडार मिलने से वेनेजुएला ‘लैटिन अमेरिका का सऊदी अरब’ बन गया, लेकिन 80 के दशक में तेल कीमतें गिरने से अर्थव्यवस्था चरमरा गई।
2015 से अमेरिकी प्रतिबंधों ने हालात बिगाड़ दिए आज 75% आबादी गरीबी में जी रही है, और पिछले 7 साल में 75 लाख लोग देश छोड़ चुके हैं।मदुरो 2013 से सत्ता में हैं, और 2024 चुनाव में धांधली के आरोप लगे। अमेरिका ने उन्हें ‘नार्को-टेररिस्ट’ घोषित किया, 7 अगस्त को 50 मिलियन डॉलर (करीब 420 करोड़ रुपये) का इनाम रखा। उनकी 700 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें दो प्राइवेट जेट शामिल हैं। 2020 में कोकीन तस्करी के आरोप लगे थे, और इनाम पहले 2.5 करोड़ डॉलर था।
क्षेत्रीय युद्ध का खतरा?यह तनाव न सिर्फ ड्रग तस्करी रोकने का मुद्दा है, बल्कि लैटिन अमेरिका की स्थिरता को हिला सकता है। वेनेजुएला के रूसी हथियारों से रूस-अमेरिका का कोल्ड वॉर भी भड़क सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की ‘मैक्सिकन वॉल’ जैसी सख्त नीति अब वेनेजुएला तक फैल रही है, लेकिन सैन्य कार्रवाई से मानवीय संकट गहरा सकता है। फिलहाल, कूटनीति का रास्ता खुला है, लेकिन जहाजों और मिसाइलों की तैनाती से जंग की आशंका बढ़ गई है।
