Shashi Tharoor on VB GRAMG : मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित भारत जी राम जी’ विधेयक पेश किया। यह विधेयक जैसे ही चर्चा के लिए रखा गया, वैसे ही विपक्ष ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी समेत सभी कांग्रेस सांसदों ने इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनके विरोध के तुरंत बाद तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने भी प्रियंका गाँधी का समर्थन कर दिया। यह तब था जब वे लंबे समय से कांग्रेस की पारंपरिक नीति से अलग चल रहे थे। थरूर ने कहा, “यह महात्मा गांधी की विरासत का मजाक उड़ाना है।”
प्रियंका ने मनरेगा का नाम बदलने को कहा BJP की सनक
लोकसभा में मनरेगा का नाम बदले जाने के बाद प्रियंका गांधी ने वीबीजीरामजी विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि हर योजना का नाम बदलने की सनक से देश पर अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि महात्मा गांधी हमारे परिवार से नहीं हैं, फिर उनके नाम की योजनाओं से परहेज क्यों किया जाए।
शशि थरूर ने भाजपा के खिलाफ प्रियंका का किया समर्थन
कांग्रेस नेता व सांसद शशि थरूर ने प्रियंका का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक में कई प्रावधान ऐसे हैं जिन पर विपक्ष को आपत्ति है। उन्होंने विशेष रूप से केंद्र सरकार की खर्च में कटौती का मुद्दा उठाया और कहा कि मनरेगा जैसी योजना में केंद्र का हिस्सा 90 प्रतिशत है, लेकिन नए प्रस्तावित कानून में उसे घटाकर 60 प्रतिशत किया जा रहा है।
शशि थरूर ने कहा- ये विधेयक अनुच्छेद 340 का उल्लंघन है
शशि थरूर ने इस योजना का नाम बदलने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनके बचपन में गाते थे, “देखो ऐ दीवानों ये काम न करो…राम का नाम बदनाम न करो।” इस गीत के जरिए उन्होंने इस विधेयक में नाम बदलने का विरोध किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस योजना में कहा गया है कि केंद्र 60 प्रतिशत और राज्य 40 प्रतिशत योगदान देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के नाम में दोनों भाषाओं के शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो संविधान के अनुच्छेद 340 का उल्लंघन है।
VB GRAMG महात्मा गाँधी का अपमान है- थरूर
लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आगे कहा कि मनरेगा का नाम बदलकर VB GRAMG करना महात्मा गांधी की विरासत का मजाक उड़ाना है। उनका मानना है कि गांधी का नाम हटाना सिर्फ एक नाम हटाना नहीं है, बल्कि इससे उस योजना के मकसद को भी खत्म किया जा रहा है, जिसे लाखों गरीबों की जिंदगी सुधारने के लिए शुरू किया गया था।
शशि थरूर को राहुल गाँधी से दिक्क़त क्यों?
यहां, कांग्रेस के समर्थन में भले ही कई सांसद खड़े रहें हो मगर सबसे ज्यादा चर्चा शशि थरूर की हो रही है। जिसकी वजह है कि लंबे समय से शशि थरूर कांग्रेस पार्टी की कई बैठकों से गायब दिखे। लगातार शशि थरूर के बयान भी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ ही रहे हैं। मगर मनरेगा का नाम बदलने के बाद पहली बार शशि थरूर कांग्रेस के समर्थन में बोलते दिखाई दिए। या यू के शशि थरूर दे प्रियंका गांधी को अपना समर्थन दिया है। कई राजनीति विशेषज्ञ का कहना है कि शशि थरूर को कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी से दिक्कत है, मगर वह प्रियंका गाँधी को स्पोर्ट करते हैं। अब सवाल उठ रहा है कि कहीं शशि थरूर को राहुल गांधी की लीडरशिप से समस्या तो नहीं हो रही है, या वह प्रियंका गांधी को कांग्रेस का अगला लीडर देखना चाहते हैं?
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