VB G RAM G बिल संसद में पेश: यहां पढ़ें योजना की पूरी डिटेल

संसद भवन का दृश्य, जहां VB G RAM G से जुड़े बिल को पेश किए जाने की कार्यवाही चल रही है।

VB G RAM G Full Form: संसद के शीतकालीन सत्र में ग्रामीण भारत के लिए बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 यानी VB-G RAM G बिल पेश किया। (VB G RAM G Bill) ये बिल 2005 के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को पूरी तरह निरस्त कर नया फ्रेमवर्क लाएगा, जो विकसित भारत 2047 विजन से जुड़ा है। बिल पेश होते ही सदन में हंगामा मच गया कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाम बदलने की ‘सनक’ पर तंज कसा और बिल को स्टैंडिंग कमिटी में भेजने की मांग की। (Priyanka Gandhi Opposition VB G RAM G) विपक्ष ने इसे मनरेगा के ‘अंत’ का प्लॉट बताया, जबकि सरकार ने इसे ग्रामीण विकास का ‘मॉडर्न अपग्रेड’ करार दिया।

बिल को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में पेश किया। (Shivraj Singh Chouhan VB G RAM G Bill) ये शीतकालीन सत्र के दौरान सप्लीमेंट्री लिस्ट में शामिल किया गया। पेश होते ही कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कड़ी आपत्ति जताई – उन्होंने कहा, “नाम बदलने की सनक समझ में नहीं आती, महात्मा गांधी का नाम हटाने का मकसद क्या है? ये बिल बिना चर्चा पास न करें, स्टैंडिंग कमिटी में भेजें।” (Priyanka Gandhi Name Change Criticism) विपक्ष के अन्य नेताओं जैसे जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बिल को ‘केंद्र की जिम्मेदारी कम करने’ और ‘राज्यों पर बोझ डालने’ का आरोप लगाया। CPI(M) ने इसे ‘राइट टू वर्क’ के मूल चरित्र पर हमला बताया। सरकार ने जवाब दिया कि ये पुरानी स्कीम की कमियों को दूर करने का कदम है।

VB G RAM G बिल क्या है?

What is VB G RAM G Bill: VB-G RAM G बिल का पूरा नाम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) है, जो मनरेगा को पूरी तरह रिप्लेस करेगा। (VB G RAM G Full Form). मनरेगा 2005 में यूपीए सरकार ने लाया था, जो ग्रामीण घरों को सालाना 100 दिन का गारंटीड रोजगार देता है। लेकिन सालों में इसमें भ्रष्टाचार, फंड मिसयूज, फर्जी जॉब कार्ड और मशीनों के इस्तेमाल जैसी शिकायतें आईं। पश्चिम बंगाल में जांच में फर्जी काम मिले, कई राज्यों में फंड फ्रीज हुए। सरकार का दावा है कि मनरेगा की आर्किटेक्चर लिमिटेड हो गई, इसलिए विकसित भारत 2047 के तहत नया मॉडर्न फ्रेमवर्क जरूरी है। (MGNREGA New Name) बिल में डिजिटल गवर्नेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर फोकस और क्लाइमेट रेजिलिएंस पर जोर है।

मनरेगा से कैसे बेहतर है VB G RAM G

  • रोजगार दिनों में बढ़ोतरी: 100 से बढ़ाकर 125 दिन गारंटीड अनस्किल्ड मैनुअल वर्क हर ग्रामीण घर को। (125 Days Employment Guarantee)
  • फंडिंग शेयरिंग: केंद्र और राज्य मिलकर फंड देंगे, जिससे राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ेगी लेकिन स्थानीय स्तर पर बेहतर इंप्लीमेंटेशन।
  • एग्रीकल्चर सीजन में पॉज: सॉइंग-हार्वेस्टिंग के 60 दिन काम नहीं होगा, ताकि किसान खेती पर फोकस कर सकें।
  • फोकस एरिया: वॉटर सिक्योरिटी, रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लाइमेट रेजिलिएंस – जैसे तालाब, रोड, प्लांटेशन।
  • वेजेस और कंपेंसेशन: मनरेगा जैसी ही वेज नोटिफिकेशन, देरी पर कंपेंसेशन।
  • डिजिटल और ट्रांसपेरेंट: NMMS अटेंडेंस, AI मॉनिटरिंग से भ्रष्टाचार कम। (Digital Governance Benefits)

सरकार का दावा है कि ये बिल ग्रामीण आजीविका को मजबूत करेगा, जल संरक्षण और इंफ्रा डेवलपमेंट से लॉन्ग-टर्म जॉब्स क्रिएट होंगे।

विपक्ष का कहना है कि बिल केंद्र की जिम्मेदारी कम करता है – फंड शेयरिंग से राज्य बोझ तले दबेंगे। प्रियंका गांधी ने कहा, “महात्मा गांधी का नाम हटाना और फंड 90% से 60% करने का मकसद क्या? ये राइट-बेस्ड गारंटी को स्कीम बना देगा।” CPI(M) ने इसे ‘यूनिवर्सल डिमांड ड्रिवन लॉ’ से हटकर ‘केंद्र की मनमानी’ बताया। बिल को स्टैंडिंग कमिटी में भेजने की मांग हो रही है।

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