Varun Mudra Benefits: क्या है वरुण मुद्रा और कैसे करें इस प्रभावशाली योग का अभ्यास

Varun Mudra Benefits

Varun Mudra Benefits: योग केवल एक शारीरिक अभ्यास ही नहीं होता बल्कि यह हमारे जीवन को संतुलित करने में मदद भी करता है। रोजाना योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ और दिमाग तंदुरुस्त होता है। परंतु क्या आप जानते हैं की योग में कई सारी ऐसी मुद्राएं (mudra in yoga)भी होती हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभकारी होती है। इन्हीं में से एक है वरुण मुद्रा, वरुण मुद्रा को जलवर्धक(water element balance yoga) मुद्रा नाम से भी जाना जाता है। यह मुद्रा शरीर में जल तत्व का संतुलन बनाती है जिससे हमारे शरीर पर विभिन्न लाभकारी प्रभाव दिखाई देते हैं।

Varun Mudra Benefits
Varun Mudra Benefits

योग की यह तकनीक है अत्यंत लाभकारी(varun mudra karne ke labh)

वरुण मुद्रा जलवर्धक मुद्रा हमारे शरीर में जल की मात्रा संतुलित करती है जिससे पाचन तंत्र, रक्त संचार, मानसिक स्थिति यहां तक की त्वचा के मॉइश्चर पर भी प्रभाव देखने के लिए मिलता है। वरुण मुद्रा की सबसे खास बात यह है कि यह बिना किसी उपकरण के भी की जा सकती है। हालांकि इस मुद्रा को करने के लिए आपको कुछ विशेष दिशा निर्देशों का पालन करना होता है। आज के इस लेख में हम इसी का विस्तारित विवरण उपलब्ध करवाएंगे जहां हम बताएंगे वरुण मुद्रा को सही तरीके से करने की विधि और इसके लाभ।

और पढ़ें: Chanakya Niti on Educated Fools: आचार्य चाणक्य के अनुसार कौन होते हैं पढ़े लिखे मूर्ख

किस प्रकार करें वरुण मुद्रा (varun mudra kaise kare)

  • वरुण मुद्रा करने के लिए सबसे पहले किसी शांत और स्वच्छ जगह पर बैठ जाएं।
  • बैठने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप आरामदायक स्थिति में बैठे और जमीन पर कुशा अथवा कपड़े का आसन बिछा ले।
  • ध्यान दें बैठते समय हमेशा अपनी पीठ और गर्दन को सीधा रखें।
  • दोनों हाथों की छोटी उंगली और अंगूठे के सिरे को आपस में मिलाएं और अन्य तीनों उंगलियों को सीधा रखें।
  • हथेलियां को घुटने पर रखें और आंखें बंद कर गहरी सांस ले।
  • इस मुद्रा को रोजाना 20 से 30 मिनट तक करें।

वरुण मुद्रा को करने के लाभ (benefits of varun mudra)

  • वरुण मुद्रा रोजाना करने से आपके शरीर में जल तत्व संतुलित होता है और इससे डिहाइड्रेशन की समस्या समाप्त होती है।
  • यह मुद्रा आपके शरीर में मॉइश्चर मेंटेन करने का काम करती है जिससे त्वचा संबंधित रोग भी समाप्त हो जाते हैं।
  • रोजाना वरुण मुद्रा करने से ब्लड प्यूरीफिकेशन भी होता है और पाचन तंत्र में सुधार भी होता है।
  • वरुण मुद्रा एकाग्रता को बढ़ाने का भी काम करती है और यह आपकी मानसिक तनाव को भी दूर करती है।

वरुण मुद्रा को करते समय कौन सी सावधानियां बरतें?

वरुण मुद्रा करते समय हमेशा ध्यान रखें कि यह मुद्रा अधिक समय तक ना करें।
यदि आपको सर्दी खांसी जुकाम है तब भी इस मुद्रा का अभ्यास न करें।
साथ ही यदि आपके शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या या किडनी से जुड़ी कोई समस्या है तब भी इस मुद्रा का अभ्यास न करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *