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Vande Bharat Train के Engine कहां बनते हैं! जानें अन्य ट्रेनों से कितने अलग होते हैं?

Indian Railway News

Vande Bharat Train Engine Manufacturing: राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को टक्कर देने वाली सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन यानी Vande Bharat Train लोगों की धीरे-धीरे पहली पसंद बनती जा रही है. सुविधाजनक सफर और स्‍पीड इसकी सबसे खास बात है, यही कारण है कि यह राजधानी ट्रेन को पीछे छोड़ चुकी है. यहां पर यह सवाल उठता है कि इस शाही ट्रेन के इंजन कहां बनते हैं और दूसरी ट्रेनों से कितने अलग हैं? चलिए बताते हैं…..

इतनी वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं

रेल मंत्रालय के एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर दिलीप कुमार बताते हैं कि वर्तमान समय में तकरीबन 75 वंदेभारत एक्‍सप्रेस ट्रेन पूरे देश में चल रही हैं. पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों को छोड़कर सभी राज्‍यों को कनेक्‍ट कर रही है. हालांकि पूर्वोत्‍तर में असम में चल रही है. वहीं, अब वंदेभारत का अपग्रेड वर्जन स्‍लीपर वंदेभारत आने वाली है. यह ट्रेन ICF चेन्‍नई में बन रही है. रेल मंत्री अश्‍विनी वैष्‍णव ने ऐलान किया है कि जल्‍द ही ट्रेन शुरू हो जाएगी.

पहली वंदे भारत ट्रेन यहाँ बनी थी

देश की पहली वंदेभारत ट्रेन इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ चेन्‍नई) में बनी थी, जो दिल्‍ली से वाराणसी के बीच चली थी. इस ट्रेन को डिजाइन से लेकर ट्रैक पर आने में करीब दो साल का समय लगा था. इसकी मांग को देखते हुए दो और कोच फैक्ट्रियों में इसका निर्माण शुरू हुआ है. अब चेन्‍नई के साथ-साथ पंजाब के कपूरथला में रेल कोच फैक्ट्री (RCF) और उत्तर प्रदेश के रायबरेली में मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF) में वंदेभारत निर्माण हो रहा है.

हर एक दूसरे कोच में ही लगा होता है इंजन

इस ट्रेन में कोई अलग इंजन नहीं होता है. कोच के नीचे एंटीग्रेटेड इंजन लगा होता है. यह डिजाइन इसे मेट्रो या बुलेट ट्रेन जैसी बनाती है, जहां पावर डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम के तहत हर दूसरे कोच के नीचे मोटर लगे होते हैं. इसी वजह से ट्रेन को स्‍पीड पकड़ने में समय नहीं लगता है. अलग इंजन वाली ट्रेनों के मुकाबले तेजी से स्‍पीड पकड़ती है. इसकी अधिकतम गति 180 किमी/घंटा है. यही वजह है कि अलग इंजन वाली ट्रेनों को स्‍पीड पकड़ने में ज्‍यादा समय लगता है और जबकि वंदेभारत ट्रेन झट से स्‍पीड पकड़ लेती है.

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