Vande Bharat Sleeper Train के डिब्बे तैयार, अगले हफ्ते होगा लोकार्पण!

Indian Railway News: ट्रेन यात्रियों के लिए एक और अच्छी खबर मिलने वाली है. गौरतलब है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का सपना अब साकार होने जा रहा है. इंडो-रशियन जॉइंट वेंचर काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस अगले सप्ताह अपने पहले एसी कोच के डिजाइन का अनावरण करेगी. यह डिजाइन इंटरनेशनल रेलवे इक्विपमेंट एग्जीबिशन (IREE) 2025 में प्रदर्शित किया जाएगा, जो अगले सप्ताह दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाला है.

इंडो-रशियन की साझेदारी से बनेंगी 120 Sleeper Vande Bharat Trains

काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस एक संयुक्त उद्यम है, जिसे भारतीय रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) और रूस की प्रमुख रोलिंग स्टॉक कंपनियों द्वारा स्थापित किया गया है. इस साझेदारी के तहत कंपनी को 120 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों (यानी 1,920 कोच) के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है. कंपनी जून 2026 तक पहले प्रोटोटाइप ट्रेन को तैयार करने की योजना पर काम कर रही है.

इन कंपनियों को मिला ठेका

आपको बताएं इंडियन रेलवे ने इन ट्रेनों के निर्माण का ठेका तीन कंपनियों को दिया है. इनमें बीईएमएल (BEML), काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस (रूस की TMH और भारतीय RVNL का संयुक्त उपक्रम) और टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड और बीएचईएल (BHEL) का कंसोर्टियम शामिल है. इन कंपनियों को आधुनिक तकनीक के साथ ऊर्जा-कुशल और यात्रियों की आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने वाले कोच तैयार करने का कार्य सौंपा गया है.

लंबी दूरी की यात्रा के लिए स्लीपर वंदे भारत

बता दें की Vande Bharat Sleeper Trains को लंबी और मध्यम दूरी की यात्राओं के लिए डिजाइन किया जा रहा है. अब तक वंदे भारत एक्सप्रेस केवल चेयर कार के रूप में संचालित होती है, लेकिन स्लीपर वर्जन आने से रात की यात्रा करने वाले यात्रियों को वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड, आरामदायक और प्रीमियम सुविधा मिलेगी.

एक साथ दो वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की लॉन्चिंग

रेल मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को एक साथ दो रेक के रूप में लॉन्च किया जाएगा. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि लॉन्चिंग तभी की जाएगी जब दूसरी ट्रेन पूरी तरह तैयार हो जाएगी ताकि सेवा की निरंतरता बनी रहे.

उन्होंने कहा, दूसरी ट्रेन का निर्माण कार्य चल रहा है और यह संभवतः 15 अक्टूबर 2025 तक तैयार हो जाएगी. दोनों ट्रेनें साथ में लॉन्च की जाएंगी. दूसरी ट्रेन नियमित सेवा की निरंतरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. जैसे ही दूसरा रेक मिल जाएगा, किसी भी उपयुक्त रूट पर संचालन शुरू किया जाएगा. यह दोनों ट्रेनें बीईएमएल द्वारा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) तकनीक का उपयोग करते हुए बनाई जा रही हैं.

रेल की यात्रा में नया अध्याय

इस ट्रेन के आने से भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा. यह ट्रेनें न केवल तेज और ऊर्जा-कुशल होंगी, बल्कि यात्रियों को बेहतर साउंड इंसुलेशन, आरामदायक बर्थ, अत्याधुनिक सुरक्षा फीचर्स और लग्ज़री स्तर की सुविधाएं भी प्रदान करेंगी. रेल मंत्रालय का मानना है कि यह प्रोजेक्ट भारतीय रेल को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा.

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