केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात की मौत, खराब मौसम बना कारण

Uttarakhand Helicopter Crash, Kedarnath Crash, Aryan Aviation, Gaurikund: उत्तराखंड के केदारनाथ मार्ग पर रविवार सुबह एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Uttarakhand Helicopter Crash) में सात लोगों की मौत हो गई। यह हादसा गौरीकुंड (Gaurikund Helicopter Crash) के पास जंगल क्षेत्र में हुआ, जब आर्यन एविएशन (Aryan Aviation Helicopter Crash) का एक हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham Helicopter Crash) से गुप्तकाशी (Guptkashi) की ओर जा रहा था। हेलीकॉप्टर में छह तीर्थयात्री और एक पायलट सवार थे, जिनमें पांच वयस्क और एक 23 महीने का बच्चा शामिल था।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने सुबह करीब 5:17 बजे केदारनाथ हेलीपैड से उड़ान भरी थी, लेकिन खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी और अचानक मौसम बिगड़ने को हादसे का कारण माना जा रहा है। पायलट ने गौरीकुंड के ऊपरी क्षेत्र में कठिन लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन हेलीकॉप्टर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार ने बताया कि दुर्घटना स्थल दुर्गम क्षेत्र में है, जिसके कारण बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं। एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और शवों को निकालने का काम जारी है।

यह हादसा चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है। यह पिछले 40 दिनों में इस मार्ग पर पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है। इससे पहले 7 जून को एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग में हाईवे पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने हादसे पर गहरा दुख जताया और हेलीकॉप्टर संचालन के लिए सख्त नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तकनीकी विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की, जो हेली सेवाओं की सुरक्षा, पारदर्शिता और राष्ट्रीय उड्डयन नियमों (National Aviation Regulations) के पालन की जांच करेगी। फिलहाल, चार धाम क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया और इसे नागरिक उड्डयन के लिए दुखद दिन बताया।

केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अब वैकल्पिक मार्ग का सहारा लेना होगा। गौरीकुंड तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है, जो केदारनाथ का निकटतम मोटर मार्ग है। वहां से 16-18 किमी की पैदल यात्रा सबसे विश्वसनीय विकल्प है।

यह घटना उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उड्डयन की जोखिम भरी प्रकृति और अप्रत्याशित मौसम की चुनौतियों को उजागर करती है। हादसे ने आध्यात्मिक पर्यटन में सुरक्षा नियमों, पायलट प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे की तैयारियों पर तत्काल ध्यान देने की मांग को बढ़ा दिया है।

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