सफलता अक्सर कड़ी मेहनत की राह पर चलकर ही हासिल होती है…केवल बड़ी बातें करने से सफलता हासिल नहीं होती।मेहनत करके आगे बढ़ने वाले युवाओं की सफलता की ऐसी कई कहानियां हैं, जिन्हें पढ़कर लाखों लोगों को प्रेरणा मिलती हैं. ऐसी एक सफलता और मेहनत की स्टोरी हम आपके लिए लेकर आए हैं. कभी गोदाम में गैस सिलेंडर ढोने वाले यूपी के एक लकड़े ने अपनी मेहनत की बदौलत अपने भविष्य की पूरी तस्वीर ही बदल कर रख दी. हम बात कर रहे हैं अतरौली के रहने वाले गगन कुमार की, गरीबी और मुश्किल परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी और अब जेईई एडवांस के जरिए आईआईटी बीएचयू में अपनी सीट पक्की कर ली है.
पुराने फ़ोन से पूरी की पढाई
इस साल 10 जून को जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी किया गया था जिसमें गगन ने 5,286वीं रैंक हासिल की थी. उसकी कामयाबी की कहानी इसलिए और सुर्खिया बटोर रही है क्योकि उसनें अपनी पढाई टूटे हुए फोन से पूरी की। यह फ़ोन उसके पिता को कूड़े में पड़ा मिला था. आज गगन की मेहनत सफल हुई और वह अब आईआईटी बीएचयू में एडमिशन लेंगे.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला में स्थित है अतरौली. यहां पर गगन के पिता एक गैस एजेंसी के गोदाम की देखरेख करते हैं और यहां ट्रकों से गैस सिलेंडर उतारने-चढ़ाने का काम करते हैं. अक्सर काम ज्यादा या गोदाम में कम लोग होने पर गगन के पिता उसे भी इस काम के लिए बुला लिया करते थे. गगन को इस काम के 200 रुपये मिलते थे. गगन के लिए यह दौर बेहत मुश्किल था. वह पढ़ाई के साथ साथ अपने पिता की मदद करता था.
ऑनलाइन पढ़ाई का लिया सहारा
कोविड महामारी की वजह से लॉकडाउन लग गया और उन्हें अपनी पढ़ाई ऑनलाइन करनी पड़ी. यह समय गगन के लिए बेहत मुश्किल भरा था. गगन ने मीडिया इंटरव्यू में बताया था कि इसी समय उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग भी जॉइन कर ली. कोचिंग के बीच गगन ने जेईई परीक्षा देने का फैसला लिया और उसके लिए तैयारी करने लगे, लेकिन जब गगन को पता चला कि आईआईटी की फीस बहुत ज्यादा होती है तो उन्होंने तैयारी करना बंद कर दिया, क्योंकि घर के हालात बहुत तंग थे. करीब दो महीने बाद मिली एक जानकारी ने उन्हें हौसला दिया. गगन के एक दोस्त ने बताया कि आईआईटी में गरीब परिवारों के लिए ट्यूशन फीस में छूट मिलती है, जिसके बाद गगन फिर से तैयारी में जुट गए.
आपको बता दे कि गगन को पहले अटैम्प्ट में बेहतर रैंक नहीं मिली जिससे वह कई दिनों तक डिप्रेशन में रहा। बाद में उसने फिर से तैयारी शुरू की और दूसरे अटैम्प्ट में 5,286वीं रैंक हासिल की.
बोर्ड परीक्षा में भी दिखी चमक
अतरौली के सिटी कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पढ़े गगन शुरुआत से ही पढ़ाई में सबसे आगे रहने वालों में से थे। 10वीं में 98.4 फीसदी नंबर हासिल करने के बाद गगन ने एएमयू की परीक्षा दी और इसी बोर्ड से 12वीं में 95.8 फीसदी अंक हासिल किए। गगन बताते हैं कि 10वीं तक उनके मन में आगे की योजनाओं को लेकर कोई प्लानिंग नहीं थी। बस एक ही मकसद था कि नंबर अच्छे लाने हैं। 11वीं में एडमिशन मिला तो कोविड महामारी की वजह से लॉकडाउन लग गया और उन्हें अपनी पढ़ाई ऑनलाइन करनी पड़ी।