US Recession Impact in Indian Economy | US President Donald Trump की टैरिफ नीतियां विश्व भर की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है. ऐसे में आपको बताएं हिंदुस्तान पर अमेरिकी टैरिफ आगामी 2 अप्रैल से लागू होने की संभावना है. लेकिन गनीमत की बात यह है कि देश के तमाम बड़े अर्थशास्त्री बता रहे हैं कि, अमेरिका की मंदी संभवतः भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी हो सकती है. आइए जानते हैं पूरा माजरा…..
सबसे पहले तो आपको ये बताना जरूरी है की आखिर टैरिफ (Tariff) क्या है, तो टैरिफ (Tariff) एक ऐसा कर (tax) है जो किसी देश द्वारा दूसरे देश से आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है, और इसी को सीमा शुल्क (custom duty) भी कहा जाता है.
इन टैरिफ नीतियों से Global Economy खतरे में तो है ही साथ ही इसका असर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade) पर भी पड़ने की आशंका है. गौर करने वाली बात तो यह है कि भारत पर भी 2 अप्रैल से ट्रंप के जवाबी टैरिफ का खतरा मंडरा रहा है. Donald Trump ने Venezuela से Oil और Gas खरीदने वाले किसी भी देश पर 25% का Extra Tariff लगाने की घोषणा की है, और भारत वेनेजुएला से बहुतायत मात्रा में तेल खरीदता है. पिछले साल यानी 2024 में 2.2 करोड़ बैरल तेल का आयात किया. ऐसे में आगामी समय में भारतीय रिफाइनरों के लिए खरीद लागत बढ़ सकती है. इतना ही नहीं साथ ही सप्लाई चेन बाधित होने के आसार भी हैं.
US Recession Impact in India
यह Global economy के लिए और अधिक परेशानी खड़ी कर सकती है. लेकिन भारत की दृष्टि से इसे देखें तो अमेरिका का आर्थिक दर्द वास्तव में भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है. और वह भी ऐसे मौके पर जब ट्रंप के टैरिफ के कारण वैश्विक चिंता नज़र आ रही है.
आखिर India को कैसे होगा फायदा
एक बड़ी नामी गिरामी ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन का कहना है कि US में मंदी India की Economy के लिए Positive हो सकती है. हालांकि इस मंदी के भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए दोहरे स्वरूप नज़र आते हैं जहाँ एक ओर, टैरिफ भारतीय निर्यात को नुकसान पहुंचा सकते हैं और महंगाई को बढ़ा सकते हैं. वहीं, दूसरी ओर अमेरिका में मंदी से कमोडिटी की कीमतें गिर सकती हैं. इससे भारत के आयात बिल में कमी आने की संभावना है. साथ ही साथ घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है.
मंदी का असर अगले 12 महीनों में
ड्यूश बैंक के एक हालिया सर्वे ने चौंका दिया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, अगले 12 महीनों में मंदी की आशंका 43 फीसदी है. जिसके कारण बेरोजगारी और धीमी ग्रोथ के संकेत मिल रहे हैं. लेकिन अगर ट्रंप के नए टैरिफ पूरी तरह से लागू हो जाते हैं तो मंदी का खतरा 50% से अधिक हो सकता है.
अमेरिका की मंदी पर चौंका देगी यह रिपोर्ट
एलेथिया कैपिटल के जिम वॉकर ने एक शोध रिपोर्ट में कहा कि उन्हें आश्चर्य होगा अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था आगामी संभावित मंदी से बच सके. साथ ही ब्लूमबर्ग के स्तंभकार कॉनर सेन ने बताया असली मंदी का खतरा तो दूसरी छमाही में सामने आएगा क्योंकि व्हाइट हाउस की व्यापार नीतियां सामने आएंगी. बाजार में बहुत अधिक अस्थिरता की उम्मीद करें.
भारत के लिए ये मंदी बन सकती है अवसर
भारत के लिए साबित हो सकता है मौका बर्नस्टीन का मानना है कि अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में प्रवेश करती है तो भारत विजेता के रूप में उभर सकता है. बर्नस्टीन के विश्लेषकों ने कहा, बीते समय में भारत और अमेरिका में बहुत मजबूत संबंध नहीं रहे हैं. ब्रोकरेज फर्म इस साल की शुरुआत में भारत के इक्विटी बाजारों पर सकारात्मक हो गई थी. फर्म का कहना है कि भारत का व्यापक आर्थिक सुधार पहले से ही चल रहा है.
ऐतिहासिक रूप से अक्सर ऐसा होता है कि जब अमेरिका की अर्थव्यवस्था धीमी होती है तब भी भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ती है. बर्नस्टीन के अनुसार, दवाओं, IT सेवाएं, आभूषण और पेट्रोलियम उत्पादों जैसे प्रमुख निर्यात अमेरिका में मंदी से अपेक्षाकृत अछूते रहते हैं. ऑटो कम्पोनेंट और परिधानों पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन, भारत के कुल निर्यात में उनकी हिस्सेदारी इतनी कम है कि व्यापक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा.