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पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइल दे रहा था US, PM Modi का Trump को कॉल गया और डील कैंसल!

US Pak AIM 120 Deal News Hindi: दक्षिण एशिया में हवाई संतुलन को बनाए रखने के लिए भारत ने एक कूटनीतिक जीत हासिल की है। अमेरिका ने पाकिस्तान को AIM-120 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) की नई सप्लाई देने की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से फोन कॉल के (Modi Trump Call Details) ठीक एक दिन बाद आया।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका पाकिस्तान के F-16 फ्लीट के लिए इन मिसाइलों (AIM-120 AMRAAM Deal) की नई डिलीवरी कर रहा है, लेकिन अमेरिकी दूतावास ने इसे “झूठा” बताते हुए स्पष्ट किया कि कोई नई बिक्री नहीं हो रही। यह वही मिसाइलें हैं, जिन्हें बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) के जवाब में पाकिस्तान ने इस्तेमाल किया था। क्या मोदी की कूटनीति ने ट्रंप को मनाया, या अमेरिका ने खुद संतुलन बनाए रखा? आइए जानें घटना का पूरा घटनाक्रम।

मोदी-ट्रंप फोन कॉल: कब और क्यों हुई बात?

Modi Trump Phone Call Details In Hindi: 9 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की, जो लगभग 20 मिनट चली। हालांकि, आधिकारिक ब्रीफिंग में कॉल की सामग्री का विस्तार नहीं दिया गया, लेकिन स्रोतों के अनुसार, दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन और पाकिस्तान को हथियार सप्लाई पर चर्चा हुई। यह कॉल ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत-पाक तनाव के बीच महत्वपूर्ण थी। अगले ही दिन, 10 अक्टूबर 2025 को, अमेरिकी दूतावास ने स्पष्टीकरण जारी किया, जो समयबद्धता से कॉल का असर दर्शाती है। पीएमओ के एक अधिकारी ने कहा, “मोदी जी की कूटनीति ने क्षेत्रीय शांति सुनिश्चित की।

US-Pakistan AIM-120 डील क्यों कैंसल?

AIM-120 Deal Cancellation: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defense) ने रेथियॉन मिसाइल्स एंड डिफेंस कंपनी (Raytheon Missile Contract) को 41.6 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त कॉन्ट्रैक्ट दिया था, जिससे कुल मूल्य 2.51 बिलियन डॉलर हो गया। कॉन्ट्रैक्ट नंबर FA8675-23-C-0037 था, जो F-16 के लिए AIM-120 AMRAAM मिसाइलों (C8 और D3 वेरिएंट्स) की नई सप्लाई का हिस्सा माना जा रहा था। यह पाकिस्तान को दक्षिण एशिया में हवाई श्रेष्ठता देने वाला था, जो भारत के लिए खतरा था।

लेकिन 10 अक्टूबर को अमेरिकी दूतावास ने साफ किया: “यह कॉन्ट्रैक्ट नई मिसाइलों की सप्लाई के लिए नहीं, बल्कि मौजूदा सिस्टम के रखरखाव, मरम्मत और पुर्जों के लिए है।” दूतावास ने जोर दिया, “यह फॉरेन मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम (Foreign Military Sales Program) का सामान्य हिस्सा है, जिसमें 30+ देश शामिल हैं। इससे पाकिस्तान की हवाई क्षमता में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।” इंडिया टुडे की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया, “No new deliveries of air-to-air AMRAAM missiles to Pakistan: US denies media reports।” इस तरह, प्रस्तावित नई डील को प्रभावी रूप से कैंसल माना जा सकता है, जो मोदी-ट्रंप कॉल का सीधा नतीजा लगता है।

यह फैसला भारत के हित में है, क्योंकि AIM-120 मिसाइलें पाकिस्तान के F-16 को भारत के राफेल और सुखोई-30 के खिलाफ मजबूत बनातीं। बालाकोट स्ट्राइक (Balakot Airstrike 2019) में पाकिस्तान ने इन्हीं का इस्तेमाल किया था, जहां भारत ने अपने मिग-21 को खोया। अब पाकिस्तान को नई मिसाइलें न मिलने से हवाई संतुलन (India-Pakistan Air Balance) भारत के पक्ष में रहेगा। रक्षा विशेषज्ञ प्रो. अरुण प्रकाश ने कहा, “मोदी जी की कूटनीति ने ट्रंप को भारत के हितों का ध्यान दिलाया।

अमेरिका अब पाकिस्तान को हथियार देकर भारत को उकसाना नहीं चाहता। ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने पहले पाकिस्तान को F-16 के लिए मिसाइलें दी थीं, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद सतर्कता बढ़ी।

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