Tulsi Gabbard On Bangladesh | भारत दौरे पर आईं तुलसी गबार्ड ने ने कही बड़ी बात- बांग्लादेश संकट का कारण इस्लामिक खिलाफत, बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए चिंतित ट्रंप सरकार

Tulsi Gabbard On Bangladesh In Hindi: हाल ही में अमेरिका की खुफिया ब्यूरो की निदेशक तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर आई हैं, एक इंटरव्यू में उन्होंने वैश्विक इस्लामिक आतंकवाद और चरमपंथ पर भी अपनी बात रखी। गबार्ड ने बांग्लादेश के हालात पर भी अपनी बात रखी, उन्होंने बांग्लादेश संकट का कारण इस्लामिक खिलाफत को बताया और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ट्रंप सरकार चिंतित है और वहाँ की सरकार से लगातार बात कर रही है। इसी दौरान उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ से भी मुलाकात की है।

बांग्लादेश संकट पर क्या बोलीं गबार्ड

इस समय भारत दौरे पर आईं अमेरिका खुफिया ब्यूरो की निदेशक तुलसी गबार्ड ने, इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश को लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने एनडीटीवी से एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा, बांग्लादेश संकट का कारण इस्लामिक आतंकवाद और चरमपंथ है, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के कारण उनकी सुरक्षा के लिए अमेरिका चिंतित है, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन इस मुद्दे पर लगातार बांग्लादेश के यूनुस सरकार के संपर्क में है। धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार और उनका उत्पीड़न हमेशा से सबके लिए चिंता की बात रही है, बांग्लादेश के साथ बातचीत में अमेरिका के लिए यह मुद्दा केंद्र में रहने वाला है। गबार्ड ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भी अपनी रखते हुए कहा- राष्ट्रपति ट्रम्प खुद इस मुद्दे को देख रहे हैं और शांति के लिए अमेरिका की तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी मिली तुलसी गबार्ड

भारत दौरे पर आईं तुलसी गबार्ड ने सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ से भी मुलाकात की, इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई। इसके अलावा सोमवार को ही तुलसी गबार्ड और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हुई, इसी बीच डोभाल ने दुनियाभर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के सम्मेलन की अध्यक्षता भी की। सम्मेलन के दौरान आतंकवाद और और सुरक्षा चुनौतियों को लेकर देशों के मध्य सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रमुख चर्चा हुई।

कौन हैं तुलसी गबार्ड

तुलसी गबार्ड अमेरिका की खुफिया ब्यूरो की प्रमुख हैं और वह हिंदू धर्म को मानती हैं, गीता पर उनका बहुत विश्वास है, हालांकि वह भारतीय मूल की नहीं हैं, लेकिन हिंदू धर्म से बेहद जुड़ाव के कारण ही उनका नाम तुलसी रखा गया। उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में राजनीति में कदम रखा और चार बार सांसद बनीं। उन्होंने डेमोक्रेट के तौर पर अपना राजनैतिक कैरियर प्रारंभ किया था, लेकिन 2024 में वह रिपब्लिक पार्टी से जुड़ गईं। एक समय पर उनका नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के तौर पर भी उभर रहा था। 2024 में अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद उन्हें अमेरिका के खुफिया ब्यूरो के निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए सीनेट में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा प्रस्ताव लाया गया था, सीनेट से पास होने के बाद वह खुफिया ब्यूरो के प्रमुख के पद के नियुक्त हुईं, उन्होंने इस पद की शपथ गीता हाथ में लेकर ली थी। राजनीति में आने से पहले तुलसी गबार्ड इराक युद्ध के समय बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल सेवा दे चुकी हैं।

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