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India-US Trade Deal Hindi News: भारत-अमेरिका के बीच जल्द होगी ‘बड़ी’ ट्रेड डील

US-India Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump India US Trade Deal) ने गुरुवार 26 जून 2025 को व्हाइट हाउस में आयोजित ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ (Big Beautiful Bill) इवेंट में भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक ‘बड़ी’ ट्रेड डील (India-US Trade Deal) होने की घोषणा की। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ने हाल ही में चीन के साथ एक व्यापारिक समझौता (US-China Trade Deal) साइन किया है, और अब भारत के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता होने वाला है। इस डील का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और आपसी आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है.

500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य

यह व्यापारिक समझौता (Trade Agreement) ऊर्जा (Energy Sector), कृषि (Agriculture Sector), रक्षा (Defence Sector), और एविएशन (Aviation Sector) जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने पर केंद्रित है। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 190 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर (Bilateral Trade Target) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। भारत के उच्च टैरिफ (High Tariffs) की तुलना में अमेरिका के निचले टैरिफ के कारण इस डील से अमेरिकी निर्यातकों (American Exporters) को विशेष लाभ मिलने की संभावना है।

ट्रम्प ने कहा, “हम भारत को खोलने जा रहे हैं (Open Up India), और यह डील दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगी।” अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक (Howard Lutnick) ने भी इस महीने की शुरुआत में कहा था कि दोनों देश अपने हितों के अनुरूप एक कॉमन ग्राउंड (Common Ground) तलाश रहे हैं, जिससे यह समझौता जल्द अंतिम रूप ले सकता है।

कब तक होगी डील?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता ( India US Trade Negotiations) का पहला चरण जुलाई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। भारतीय दल, जिसका नेतृत्व मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) कर रहे हैं, 26 जून 2025 को वाशिंगटन पहुंचा है। दोनों पक्ष बाजार पहुंच, डिजिटल व्यापार, और टैरिफ रियायतों जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। भारत टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण, चमड़ा, और कृषि उत्पादों जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में टैरिफ रियायतों की मांग कर रहा है।

टैरिफ और व्यापार पर प्रभाव

अमेरिका ने अप्रैल 2025 में भारतीय उत्पादों पर 26% का जवाबी टैरिफ (Reciprocal Tariff) लगाया था, जिसे 10 अप्रैल से 90 दिनों के लिए 10% बेसिक ड्यूटी (Basic Duty) पर निलंबित कर दिया गया। इस डील के बाद टैरिफ में कमी (Tariff Reduction) से अमेरिकी उत्पाद भारत में अधिक प्रतिस्पर्धी (Competitive US Products) हो सकते हैं। हालांकि, भारत के कई उत्पाद पहले से ही अमेरिकी बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच (Duty-Free Access) का लाभ उठा रहे हैं, जिससे भारत के निर्यात में मामूली वृद्धि (Marginal Export Gains) की संभावना है।

भारत का व्यापार प्रदर्शन

भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) वर्तमान में 41.18 बिलियन डॉलर है। अप्रैल-मई 2025 में भारत का अमेरिका को निर्यात (India’s Exports to US) 17.25 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 14.17 बिलियन डॉलर था। यह दर्शाता है कि टैरिफ वृद्धि (Tariff Hike) का भारत के निर्यात पर कम प्रभाव पड़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और राष्ट्रपति ट्रम्प ने फरवरी 2025 में मुलाकात के दौरान इस डील की रूपरेखा तैयार की थी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा, “हम एक निष्पक्ष और संतुलित समझौता (Fair and Balanced Agreement) चाहते हैं, जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं और लोगों के लिए लाभकारी हो।” गोयल ने जोर देकर कहा कि भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और रणनीतिक साझेदार (Strategic Partners) हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि यह डील भारत के व्यापार अधिशेष को कम कर सकती है, लेकिन यह भारतीय बाजार में अमेरिकी उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता (US Product In India) को बढ़ाएगी। कांग्रेस ने सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि भारत को ऐसी महत्वपूर्ण डील की जानकारी व्हाइट हाउस से मिल रही है, जो उचित नहीं है।

यह ट्रेड डील भारत-अमेरिका संबंधों (India-US Relations) को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है। दोनों देशों के बीच यह समझौता वैश्विक व्यापार (Global Trade) में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ट्रम्प की टैरिफ नीति (Trump’s Tariff Policy) और भारत की रणनीतिक वार्ता से यह डील जुलाई 2025 तक अंतिम रूप ले सकती है

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