US-India Business Strategy: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में पिछले कुछ समय से काफी उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं। विशेष रूप से जब से अमेरिका ने टैरिफ की बात छेड़ी है तब से यह मुद्दा वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बन गया है। अमेरिका में वैश्विक पटल पर सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू (US reciprocal tariff) करने का निर्णय पारित कर दिया है जिसकी वजह से सभी देशों को संतुलन बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि पिछले कुछ समय से भारत और अमेरिका के टैरिफ विवाद के बाद अब व्यापारिक समझौतों की गुंजाइश तेज हो रही है।

जी हां, भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में अब नया मोड़ आने वाला है जिसके चलते व्यापार वार्ता को तेज करने का निर्णय ले लिया गया है। भारत ने भी इसके जवाब में कूटनीतिक रूप से प्रतिक्रिया देने का निर्णय कर लिया है। बता दे भारत का औसत टैरिफ 12% है जबकि अमेरिका का ट्रैफिक ( US tarrif) केवल 2.2% है। इसी असमानता की वजह से अमेरिका ने रिसिप्रोकल टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है जिसकी वजह से भारत ने भी अपनी प्रतिक्रिया काफी स्पष्ट कर दी है।
क्या है दोनो देशों की द्विपक्षीय नीति(two sided business strategy)
अमेरिका के द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी के पश्चात भारत ने भी अमेरिकी आयात पर टैरिफ में कटौती का फैसला कर लिया है। हालांकि यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच पहला व्यापारिक समझौतो के कारण लिया गया है। इस फैसले की वजह से आने वाले समय में दोनों देशों के बीच बहुपक्षीय व्यापारिक समझौते भी होने की चर्चा तेज हो चुकी है।
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बात करें भविष्य योजनाओं की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार में 5000 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है जिसके चलते दोनों ही देश अपनी अपनी तरफ से काम शुरू कर चुके हैं। इन दोनों देशों का मुख्य उद्देश्य है व्यापारिक टैरिफ को कम करना और वैश्विक बाजार में पहुंच बढ़ाना ताकि आने वाले समय में भारत और अमेरिका दोनों की अर्थव्यवस्था indian economic strategy)बेहतर हो सके।
भारत ने दी अमेरिका को टैरिफ में ढील(india reduces tariff rates for america)
बता दें हाल ही में लिए गए नए निर्णय के अंतर्गत भारत ने अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर 55% टैरिफ कम करने या समाप्त करने की पेशकश की है जिनमें मोटरसाइकिल ,व्हिस्की, ऊर्जा और रक्षा उपकरण शामिल है। इसके बदले भारत ने अमेरिका से अपने निर्यात पर लगाए गए टैक्स में भी टैरिफ में भी राहत की मांग की है।
दोनों देशों की द्विपक्षीय नीति की वजह से आने वाले समय में दोनों देशों को लाभ होगा। भारत के लिए अमेरिका के बाजारों में अपने उत्पादों की पहुंच बढ़ाने का अवसर खुलेगा साथ ही अमेरिका के उत्पादन भी भारत में बदलने से बिक सकेंगे।