US-China Trade Deal Hindi News: दोनों देशों का Tariff विवाद खत्म! भारत का क्या फायदा?

US-China Trade Deal, Tariff Reduction, Donald Trump, Xi Jinping: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (US China Trade War) में टैरिफ (US China New Tariffs) को कम करने की दिशा में एक अहम कदम उठा है। 12 मई 2025 को जेनेवा में हुई उच्च स्तरीय बातचीत के बाद दोनों देशों ने 90 दिनों के लिए टैरिफ में भारी कटौती पर सहमति जताई। अमेरिका ने अपने 145% टैरिफ को 30% तक और चीन ने अपने 125% टैरिफ को 10% तक कम करने का फैसला किया। लेकिन सवाल ये है कि इस सहमति के पीछे कौन है?

अमेरिका चाइना के ट्रेड वॉर का क्या हुआ

जेनेवा वार्ता में अमेरिका की ओर से ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) और यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जेमिसन ग्रीर (Jamieson Greer) ने हिस्सा लिया, जबकि चीन की ओर से वाइस प्रीमियर हे लिफेंग (He Lifeng) मौजूद थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि यह “उनकी रणनीति” का नतीजा है, जिसमें उन्होंने चीन पर दबाव बनाने के लिए 145% टैरिफ लगाए। ट्रम्प ने कहा, “हमने चीन के साथ एक शानदार डील की, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) को फायदा पहुंचाएगी।”

दूसरी ओर, चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे “पारस्परिक हित” (Mutual Interest) का परिणाम बताया और कहा कि दोनों पक्षों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया। चीनी प्रवक्ता लिन जियान (Lin Jian) ने साफ किया कि “चीन ने किसी दबाव में आकर नहीं, बल्कि अपनी शर्तों पर बातचीत की।”

यूएस चाइना की ट्रेड डील की कहानी

विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर टैरिफ का बुरा असर पड़ रहा था। अमेरिका में उपभोक्ता सामान (Consumer Goods) की कीमतें बढ़ रही थीं, जबकि चीन के निर्यात (Chinese Exports) में 20% की गिरावट दर्ज की गई। इस आर्थिक दबाव ने दोनों पक्षों को मेज पर ला खड़ा किया। ट्रम्प की “रणनीतिक अनिश्चितता” और चीन की “धैर्यपूर्ण कूटनीति”ने इस समझौते को संभव बनाया।

हालांकि, यह साफ नहीं है कि असल में किसने पहला कदम उठाया। अमेरिका का दावा है कि उनकी सख्त नीति ने चीन को झुकाया, जबकि चीन का कहना है कि उन्होंने वैश्विक हितों को प्राथमिकता दी। दोनों देशों ने एक “चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार परामर्श तंत्र” (China-US Trade Consultation Mechanism) स्थापित करने पर भी सहमति जताई, जिसके तहत भविष्य में और बातचीत होगी।

अमेरिका चाइना ट्रेड डील से भारत पर क्या असर पड़ेगा

US China Trade Deal Impact on India: इस समझौते से भारत के निर्यातकों (Indian Exporters) को फायदा हो सकता है, लेकिन अमेरिकी और चीनी उत्पादों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा (Market Competition) चुनौती भी खड़ी कर सकती है। भारतीय नीति निर्माताओं (Indian Policymakers) को इस नए व्यापारिक परिदृश्य पर नजर रखनी होगी।
यह समझौता 90 दिनों का अस्थायी विराम (Temporary Truce) है। इस दौरान दोनों देश बौद्धिक संपदा (Intellectual Property), प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (Technology Transfer), और व्यापार घाटे (Trade Deficit) जैसे मुद्दों पर और चर्चा करेंगे। अगर सहमति नहीं बनी, तो टैरिफ फिर से बढ़ सकते हैं। वैश्विक बाजार (Global Markets) इस समझौते को सकारात्मक मान रहे हैं, लेकिन असल सफलता इसके कार्यान्वयन (Implementation) पर निर्भर करेगी।

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