यूपीआई को नियंत्रित करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने आज (1 जुलाई) लेनदेन डेटा जारी किया
जून 2024 में यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम यानी UPI के जरिए 1,389 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान कुल 2,007 लाख करोड़ रुपये का ट्रांसफर किया गया है। लेनदेन की संख्या में साल-दर-साल 49% की वृद्धि हुई। वहीं इस तरह से हस्तांतरित राशि में 36% की वृद्धि हुई।
20.45 लाख करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर
एक साल पहले यानी जून 2023 में 934 करोड़ ट्रांजेक्शन में से 14.75 करोड़ करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन हुए थे। वहीं पिछले महीने की तुलना में लेनदेन की संख्या में 1% और हस्तांतरित राशि में 2% की कमी आई। मई 2024 में यूपीआई के जरिए 1,404 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए और 20.45 लाख करोड़ रुपये की रकम इसके जरिए ट्रांसफर की गई है।
यूपीआई लेनदेन पर शून्य शुल्क लगाने का आदेश
यूपीआई को नियंत्रित करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने आज (1 जुलाई) लेनदेन डेटा जारी किया। भारत में RTGS और NEFT भुगतान प्रणाली RBI द्वारा संचालित की जाती है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित होते हैं। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से यूपीआई लेनदेन पर शून्य शुल्क लगाने का आदेश दिया है।
आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं
UPI सेवा का उपयोग करने के लिए, आपको एक वर्चुअल भुगतान पता बनाना होगा। इसके बाद इसे आपके बैंक खाते से लिंक करना होगा। इसके बाद आपको अपना बैंक खाता नंबर, बैंक का नाम, आईएफएससी कोड आदि याद रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। भुगतान सेवा प्रदाता बस आपके मोबाइल नंबर के आधार पर भुगतान अनुरोध संसाधित करता है। अगर आपके पास उसकी यूपीआई आईडी (ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
उपयोगिता बिल, ऑनलाइन खरीदारी, खरीदारी आदि का भुगतान करने के लिए आपको न केवल पैसे की आवश्यकता होगी। बल्कि ऑनलाइन बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की भी आवश्यकता होगी। यह सब आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम के जरिए कर सकते हैं।