UPI Server Down In India: Down हुई UPI सर्विस, पेमेंट नहीं कर पा रहे लोग, जनता हो रही परेशान

UPI Server Down In India : शनिवार को देशभर में UPI यूजर्स को एक बार फिर डिजिटल पेमेंट में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तकनीकी खराबी के चलते यूपीआई सेवा कुछ समय के लिए ठप हो गई, जिससे लाखों यूजर्स के ट्रांजेक्शन फेल हो गए। पिछले दो हफ्तों में यूपीआई में लगातार तीसरी बार इतनी बड़ी तकनीकी दिक्कत आई है। इससे पहले 26 मार्च और 2 अप्रैल को भी ऐसी ही दिक्कतें सामने आई थीं। यूजर्स की शिकायतों के आधार पर सेवा में रुकावटों पर नजर रखने वाले प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर के मुताबिक, शनिवार सुबह 11:30 बजे के बाद से लगातार यूपीआई ट्रांजेक्शन फेल होने की शिकायतें आने लगीं।

एनपीसीआई ने दी सफाई। UPI Server Down In India

यूपीआई का संचालन करने वाली संस्था एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने इस दिक्कत को स्वीकार करते हुए कहा है, “एनपीसीआई को फिलहाल तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते कुछ यूपीआई ट्रांजेक्शन फेल हो रहे हैं। हमारी टीम इस दिक्कत को जल्द सुलझाने में लगी हुई है। हुई असुविधा के लिए हम खेद जताते हैं।” यह बयान एनपीसीआई ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर शेयर किया है। इससे पहले 26 मार्च को UPI सेवा में भारी तकनीकी गड़बड़ी देखने को मिली थी, जब अलग-अलग UPI ऐप के यूजर करीब 2 से 3 घंटे तक ट्रांजेक्शन नहीं कर पाए थे।

देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़।

UPI भारत का सबसे तेज और आसान इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम है, जो IMPS इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है। इसके जरिए यूजर बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के कभी भी और कहीं भी तुरंत पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। UPI का इस्तेमाल छोटी-बड़ी दुकानों और बिल पेमेंट और सब्सक्रिप्शन जैसी सुविधाओं में भी बेहद आसानी से किया जाता है। इसमें ऑटोपे फीचर की भी सुविधा है, जिससे रिचार्ज और बिल पेमेंट अपने आप समय पर हो जाता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस समस्या के लिए तकनीकी दिक्कतों को जिम्मेदार ठहराया था, जिससे देशभर में आम यूजर और मर्चेंट की डिजिटल पेमेंट प्रक्रिया प्रभावित हुई थी।

मार्च में UPI का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन। UPI Server Down In India

गौरतलब है कि मार्च 2025 में UPI ट्रांजेक्शन की कुल वैल्यू 24.77 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह आंकड़ा फरवरी के मुकाबले 12.7% ज्यादा है। फरवरी में कुल लेनदेन का आंकड़ा 21.96 लाख करोड़ रुपये रहा। इससे साफ पता चलता है कि आज भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में यूपीआई कितनी अहम भूमिका निभा रहा है, हालांकि, बार-बार सर्वर डाउन होने जैसी घटनाओं ने यूजर्स के भरोसे को डगमगाना शुरू कर दिया है और इससे रोजाना के लेनदेन पर बुरा असर पड़ रहा है।

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