UP Vidhan Sabha Election : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट के लिए भाजपा और सपा दिनों ही पार्टियां दांव खेलना शुरू कर दी है। मौजूदा समय की सियासी सरगर्मी को देखते हुए यह सीट दोनों ही पार्टियों के लिए अहम है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश के कन्नौज से सांसद बनने के बाद से यह सीट खाली है। सपा और भाजपा दोनों ही करहल विधानसभा सीट पर बड़ा दांव खेल सकती है। खासकर बीजेपी के लिए उपचुनाव जितना ज्यादा अहम माना जा रहा है। इस उपचुनाव की जीत पर ही सीएम योगी का सियासी भविष्य टिका है।
सीएम योगी ने खुद संभाली कमान (UP Vidhan Sabha Election)
उत्तर प्रदेश में जल्द विधानसभा की दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ उपचुनाव की कमान अपने हाथ ने ले लिए है। यदि 10 में से 6 या 7 सीट बीजेपी नहीं जीतती है तो हार का ठीकरा योगी आदित्यनाथ पर फोड़ा जायेगा। चुनाव में बेहतर प्रदर्शन योगी के सियासी भविष्य के लिए भी बहुत जरूरी है।
उपचुनाव में बीजेपी खेलेगी नया दांव
उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव (UP Vidhan Sabha Election) में बीजेपी की तरफ से अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है की चुनाव मैदान में कौन उतर रहा है। लेकिन, भाजपा लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर अपनी साख बचाने के लिए किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है।
तेज प्रताप को उतार सकती है सपा (UP Vidhan Sabha Election)
सपा की कोशिश है की वह अपना गढ़ बचाए। इसलिए वह लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को इस सीट पर उतार सकती है। चर्चा यह भी है कि अगर किसी कारण वश तेज प्रताप को मौका नहीं मिलता है तो सपा पूर्व एमएलसी अरविंद यादव को सियासी रण में उतार सकते हैं। फिलहाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पूरी कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को वह आगे भी जारी रखें।
2027 के लिए सपा-भाजपा ने कसी कमर
इधर, बीते मंगलवार की अखिलेश यादव ने लखनऊ में बैठक कर यह दावा किया कि सपा उपचुनाव में अधिकतर सीटें पर जीत रही है। उन्होंने सपा नेताओं को 2027 के विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Election) के लिए अभी से कमर कसने और लोगों के बीच जाकर सपा की उपलब्धियों को बताने के लिए निर्देशित किया। वहीं, बीजेपी भी विधानसभा चुनाव में जमकर पसीना बहाने को तैयार है। क्योंकि अब विधानसभा चुनाव में सीएम योगी की अग्नि परीक्षा होगी। उपचुनाव ही सीएम योगी के सियासी भविष्य की रक्षा कर सकते हैं। ऐसे में उपचुनाव में किसका पलड़ा भरी रहेगा यह बड़ा दिलचस्प होगा।
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