बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्य कार्यकारिणी की बैठक में एक बार फिर मायावती को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। पार्टी के तमाम पदाधिकारियों ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर अगले 5 वर्ष के लिए पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्र ने मायावती को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा था।
आपको बता दे कि मायावती 18 सितम्बर 2003 से लगातार पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी जा रही है। उन्होंने सोमवार को संन्यास लेने की खबरों क खंडन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया था कि वो पार्टी की अध्यक्ष बनी रहेंगी। ऐसे में उनका मंगलवार को आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष चुना जाना तय था।
लखनऊ में आयोजित हुई बैठक
मंगलवार को यह बैठक लखनऊ में आयोजित की गयी। इस बैठक में जम्मू -कश्मीर , हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों पर भी मंथन हुआ।
आपको बता दे कि बसपा लम्बे समय से उपचुनाव से दूरी बनाये हुए थी। लेकिन उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर वह एक्शन में नजर आ रही है। सभी 10 सीटों पर बसपा ने चुनाव लड़ने का एलान किया है।
मायावती का अब तक का राजनीतिक सफर
बसपा संस्थापक कांशीराम के सानिध्य में रहकर मायावती ने राजनीति की एबीसीडी सीखी और देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की वह चार बार मुख्यमंत्री बनी। वह कांशीराम की कहने पर 1977 में राजनीति में आई थी। वह 1995 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी और 2001 में काशी राम ने मायावती को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया। वह 2007 में उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनने में सफल रही।
इस बीच मायावती ने कई राजनीतिक उतार चढ़ाव देखे। कभी वह सत्ता में काबिज हुई तो कई बार उन्हें सत्ता से दूर रहना पड़ा। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब मायावती साथ कई दिग्गजों ने छोड़ दिया। वर्ष 2012 के बाद से उन्हें कोई जीत हासिल नहीं हुई। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती बहुजन समाज पार्टी की मूवमेंट को बचा कर रखना है।