UP ki Sarkari Yojana: ब्रीड मल्टिप्लिकेशन फार्म के लिए मिलेंगे 2 करोड़ रुपये

UP ki Sarkari Yojana: आपको बता दे कि  भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार ऐसी कई सरकारी योजना (UP Govt schemes) चलती है, जिसका फायदा उठाकर घर बैठे रोजगार हासिल किया जा सकता है.

ऐसी ही एक योजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission) के तहत भी चल रही है. इस योजना का नाम ब्रीड मल्टिप्लिकेशन फार्म यानी नस्ल वृद्धि फार्म योजना है. यह योजना कृषक और पशुपालन आधारित रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए काफी बेहतर है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 

असल में यह मिशन स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए लाई गई है. पिछले साल यानी 2023 की समाप्ति पर इस योजना की वार्षिक समीक्षा में बताया गया है कि कैसे इसके अल-अलग कार्यक्रमों ने पशुपालन के क्षेत्र में अहम सुधार और विकास किए हैं.

2023 की समाप्ति तक इसमें राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत अब तक 6.21 करोड़ पशुओं को शामिल किया गया है, 7.96 करोड़ का कृत्रिम गर्भाधान किया गया है और 4.118 करोड़ किसानों को कार्यक्रम के तहत लाभ हुआ है. इस मिशन के तहत पशुधन के लिए देश में IVF टेक्नोलॉजी को बढ़ावा, डीएनए आधारित जीनोमिक चयन, वंश परीक्षण और नस्ल चयन, राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन जैसे ढेरों कार्यक्रम चल रहे हैं. ऐसा ही एक कार्यक्रम है ब्रीड मल्टिप्लिकेशन फार्म यानी नस्ल वृद्धि फार्म. 

क्या है नस्ल वृद्धि फार्म?

नस्ल वृद्धि फार्म योजना (Breed Multiplication Farm Scheme) देश में पशुधन के सुधार और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इसके कुछ प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार है:

– देसी नस्लों की गुणवत्ता में सुधार के लिए उच्च गुणवत्ता वाली देसी नस्लों का चयन, उनकी उत्पादन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना. 

– भारत में देसी नस्ल की उच्च नस्ल की प्रजनन क्षमता बढ़ाकर किसानों को समृद्ध करना. 

किसे मिल सकता है 2 करोड़ रुपये? 

इस योजना के तहत निजी उद्यमियों को पूंजीगत लागत (भूमि लागत को छोड़कर) पर 50 प्रतिशत (प्रति फार्म 2 करोड़ रुपये तक) की सब्सिडी दी जाती है. ये पैसा गोपशु शेडों को बनाने, संबंधित उपकरणों और उच्च नस्ल की बुल मदर्स को खरीदने इत्यादि काम के लिए दिया जाता है. इसके लिए पात्रता में निजी व्यक्ति, स्वयं सहयता समूह, किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसान सहकारिताएं (FCO), संयुक्त देयता समूह (JLG) और धारा 8 की कंपनियां शामिल हैं. 

इस पैसे को पाने की पात्रता का मानदंड क्या है?

इसके तहत उद्यमी खुद प्रशिक्षित हो या परियोजना चलाने के लिए प्रशिक्षित विशेषज्ञों को नियुक्त किया हो. स्वयं की भूमि हो या लीज पर ली गई भूमि हो. आपको बता दें कि साल 2023 के अंत तक विभाग ने 111 नस्ल गुणन फार्म की स्थापना को मंजूरी दे दी थी.

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