UP:अखिलेश यादव जहां एक तरफ PDA को मजबूत करने में जुटें हैं वहीं बीजेपी के वोट बैंक पर चोट पर चोट दे रहे है। अब उन्होंने पूर्व मंत्री स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी के बहाने पूर्वांचल में एक नया दांव खेला है.
लोकसभा चुनाव में समाज वादी पार्टी को मिली बड़ी सफलता के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 2027 की तैयारियों में जुटे है. इसके लिए वे जहां एक तरफ PDA को मजबूती देने में जुटे हुए है. वहीं बीजेपी के वोट को चोट पर चोट दे रहे है. हाल में उन्होंने माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया तो माना गया कि ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए उन्होंने ऐसा किया है.
अब उन्होंने पूर्व मंत्री स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी के बहाने पूर्वांचल में एक नया दांव खेला है. हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनके पैतृक गांव टांडा में प्रतिमा स्थापित करने के लिए बन रहे चबूतरे को बिना इजाजत निर्माण की शिकायत पर प्रशासन ने बुधवार को ध्वस्त कर दिया था। स्थानीय स्तर पर इसका जमकर विरोध हो रहा था अब अखिलेश यादव भी इस पूरे मामले में कूद पड़े है.
अखिलेश यादव ने कसा तंज
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने X पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा ,’ अब तक भाजपा का बुलडोज़र दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है।
चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है। प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके। निंदनीय!’
पूर्व मंत्री के बेटे ने उठाया सवाल
इस पूरे घटना क्रम पर पंडित हरिशकंर तिवारी के पुत्र चिल्लूपार के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी ने कहा कि यह राजनीतिक अराजकता और प्रशासनिक ज्यादती है। यह सत्ता के अहंकार की निकृष्ट पराकाष्ठा है। व्यक्तिगत शत्रुता के चलते ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती दी गई है।
आगे उन्होंने कहा कि इसका निर्णय समय आने पर चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र और प्रदेश के लोग करेंगे। अपने सहयोगियों, समर्थकों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करते हुए विनय शंकर तिवारी ने कहा कि इस अनीति का उत्तर जरूर दिया जाएगा, लेकिन कानून-व्यवस्था और मर्यादा की परिधि में रहकर।
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते उपजिलाधिकारी और तहसीलदार पुलिस फोर्स लेकर बुधवार को बुलडोजर के साथ पहुंचे और चबूतरे को गिरवा दिया। जबकि स्थानीय पुलिस के मना करने पर काम दो दिनों से रुका था।