Ghaziabad UP By-Election : उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 20 नवंबर को होंगे। इनमें गाज़ियाबाद विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। गाज़ियाबाद निर्वाचन क्षेत्र का इतिहास डरावना रहा है। इस सीट पर 20 साल पहले उपचुनाव हुआ था। उस समय भाजपा प्रत्याशी पर गोलियां चली थीं। उस घटना से क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। अब एक बार फिर गाज़ियाबाद में उपचुनाव होना है। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में इस सीट की चर्चा होना आम बात है।
गाज़ियाबाद उपचुनाव में चली थी गोली (Ghaziabad UP By-Election)
उत्तर प्रदेश की गाज़ियाबाद सीट में 20 साल बाद उपचुनाव (UP By-Election 2024) होने जा रहा है। इससे पहले उपचुनाव में गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा शहर गूंज उठा था। उपचुनाव की सुगबुगाहट के बीच गाज़ियाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल पर गोली चली थी। जिसके चलते चुनावी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इसके बाद भी वह पीछे नहीं हटी और चुनाव लड़ा। हालांकि वह जीत नहीं पाई थी। सुनीता दयाल तीसरे स्थान पर आई थीं। लेकिन इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहोल बन गया था।
कांग्रेस ने खाली की थी गाज़ियाबाद सीट
यह घटना उस समय की है जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। साल 2002 में गाज़ियाबाद विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र गोयल ने चुनाव जीता था। सुरेंद्र गोयल दो साल ही इस सीट से विधायक रहें। इसके बाद साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गाज़ियाबाद सीट से चुनाव जीत लिया था। उन्होंने विधानसभा पद से इस्तीफा दे दिया था। जिससे गाज़ियाबाद विधानसभा सीट खाली हो गई थी। साल 2004 में इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई।
2004 में सुनीता दयाल ने लड़ा था उपचुनाव (Ghaziabad UP By-Election)
साल 2004 में जब गाज़ियाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Ghaziabad UP By-Election) हुए तो भाजपा ने सुनीता दयाल को उम्मीदवार बनाया था। उस समय सुनीता दयाल भाजपा संगठन में प्रदेश मंत्री का पद संभाल रही थीं। भाजपा की टिकट पर पहली बार वह चुनावी मैदान में उतरी थीं। सुनीता दयाल के खिलाफ कांग्रेस ने सतीश त्यागी और सपा ने सुरेंद्र मुन्नी को उम्मीदवार बनाया था। तब चुनाव का माहोल अलग था।
गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज गया था शहर
भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल गाजियाबाद शहर के धौलाना के ऊंचावनीपुर में प्रचार करने गई थीं। उनके साथ कुछ गांव के लोग भी थे। तभी उनके सामने युद्धवीर बाटा नाम के व्यक्ति ने उनके ऊपर रिवाल्वर तान दी। उसने सुनीता दयाल को धमकी देते हुए कहा था, “वापस जाओ, प्रचार मत करो।” लेकिन सुनीता गोली की धमकी से नहीं डरी। उन्होंने कहा था, “इसी गली से जाऊंगी।” जैसे ही वह आगे बढ़ी तो युद्धवीर बाटा ने उनपर गोली चला दी। वह गोली सुनीता दयाल के कंधे को छू कर निकल गई। इस घटना से सभी दहल गए थे।
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