UP Board Topper Mahak Jaiswal: संघर्ष जब जुनून बन जाए तो कोई भी बेटी आसमान छू सकती है। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 की टॉपर महक जायसवाल ने इसे सच साबित कर दिखाया है। आपको बता दें कि Mahak Jaiswal ने 97.20 फीसदी अंकों के साथ पूरे उत्तर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। महक मुख्य रूप से कौशांबी जिले के कोखराज इलाके की रहने वाली हैं, जबकि वह प्रयागराज में रहकर पढ़ाई करती हैं।
पिता कोखराज में चलाते हैं परचून की दुकान, मां हैं गृहिणी
महक प्रयागराज के भुलई का पुरा गांव स्थित बच्चा राम यादव इंटर कॉलेज की छात्रा हैं। उनके पिता शिव प्रसाद जायसवाल कौशांबी के कोखराज में छोटी सी परचून की दुकान चलाते हैं। मां कुसुम जायसवाल गृहिणी हैं और बड़ी बहन आयुषी एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली महक ने अपनी मेहनत और लगन से जो सफलता हासिल की है, वह लाखों छात्राओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
दीदी मेरी प्रेरणा हैं, उन्हीं की बदौलत आज मैं यह मुकाम हासिल कर पाई हूं
महक कहती हैं, मैंने कभी टॉपर (यूपी बोर्ड टॉपर) बनने का सपना नहीं देखा था, लेकिन मुझे अच्छे अंकों का भरोसा था। मेरी बड़ी बहन आयुषी मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रही हैं। उन्होंने हमेशा मुझे बेहतर करने के लिए प्रेरित किया और हर मुश्किल वक्त में मेरा साथ दिया। उनके मार्गदर्शन में मैं रोजाना आठ से नौ घंटे पढ़ाई करती थी।
आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती हैं mahak Jaiswal
महक का सपना सफल डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है। ‘मैं हर जरूरतमंद का इलाज कर उनके दर्द और तकलीफ को दूर करना चाहती हूं। यही मेरे जीवन का लक्ष्य है। अब उसने नीट की तैयारी शुरू कर दी है और पूरी लगन से इस नए पड़ाव को पार करना चाहती है।
गरीबी को पीछे छोड़कर उसने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया।
आपको बता दें कि Mahak Jaiswal की यह सफलता मात्र एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने वाले आत्मविश्वास की जीत है। किराना दुकान, घर की जिम्मेदारियां और संघर्ष भरी जिंदगी के बीच महक ने जो मुकाम हासिल किया है, वह लाखों लड़कियों के लिए मिसाल बन गया है। महक की यह कहानी बताती है- हौसले बुलंद हों तो कौशांबी की धरती से प्रदेश की सबसे बड़ी कामयाबी निकल सकती है।
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