Tamil Nadu: चक्रवाती तूफान मिचौंन के बाद तमिलनाडु के दाक्षिण जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ के कारण लोगों का जीवन पुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुक है। इस बारिश का सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु के इन चार जिलों तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, तेनकासी और कन्याकुमारी में देखने को मिल रहा है। इन चारों जिलों में बाढ़ नें इस कदर तबाही मचाया है कि 18 दिसंबर को कई जिलों में सार्वजनिक अवकाश का ऐलान कर दिया गया है। इस दौरान सभी स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और पब्लिक सेक्टर बंद कर दिए गए हैं।बारिश नें कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा है। वहीं, मुख्यमंत्री स्टालिन ने पीएम को लेटर लिख क्या बोलें आइए जानते हैं विस्तार में।
इन 4 जिलों में बारिश नें मचाई तबाही
तमिलनाडु के 4 शहरों तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, तेनकासी और कन्याकुमारी में बारिश का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिला है। यहां रहने वाला हर व्यक्ति बाढ़ से प्रभावित है। बीते दिनों से लगातार हो रही बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरे राज्य में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. करीब 13 हजार लोग बाढ़ में फंसे मदद की आस देख रहे हैं. वहीं तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना नें 19 दिसंबर को कहा कि तमिलनाडु के दाक्षिण जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है और बाढ़ आई है।उन्होंने कहा कि 30 घंटों के अंदर 11,86 मिमी बारिश हुई, जबकि तिरुनेलवेली में 921 मिमी बारिश हुई. सचिव नें कहा कि नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और राज्य सरकार की एजेंसियों के लगभग 1343 बचाओ कर्मी राहत अभियान में लगें हैं।
मुख्य सचिव नें दी जानकारी
तमिलनाडु में बाढ़ की खतरनाक स्थिति हो चुकी है। दो दिनों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और अलग-अलग जिलों में अभी भी लगभग 20 हजार लोंग फंसे हुए हैं। जिसे देख कर शिवदास मीना नें कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की भविष्यवानी भी गलत साबित हुई, अनुमान से डबल बारिश हुई है। और इसी बिच प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिग नें 19 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र से बाढ़ में हुए जान-माल के नुकसान से उभरने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 2,000 करोड़ रुपये का अनुरोध किया है।
जवानों नें कैसे किया लोगों का रेस्क्यू?
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली, तेनकासी और कन्याकुमारी में 670 से 932 मिलीमीटर रिकॉर्ड तोड़ बारिश के कारण लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है. इंडियन आर्मी, नेवी के साथ NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. भारतीय सेना की बचाव टीम श्रीवैकुंठम में IAAF और भारतीय सेना दक्षिणी राज्य में बचाव कार्यों लगातर लगी हुई है। खराब मौसम में काम करते हुए IAF हेलीकॉप्टर Mi-17 V 5 और ALH नें 20 घंटे में 10 टन से अधिक राहत सामग्री गिराई। हालात ऐसे हैं कि कुछ स्थानों पर साल 1871 के बाद से अब तक की सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है. तिरुनेलवेली और तूत्तुक्कुडी जिलों में रहने वाले तकरीबन 40 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य के चीफ सेक्रेटरी नें बताया कि अब तक 10,082 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है और आगे अभी भी रेस्क्यू जारी है।