गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलपति नीरजा गुप्ता ने बताया कि यूनिवर्सिटी में 150 विदेशी स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं. ये सभी लंबे समय से पेपर, स्टैंपिंग कोचिंग जैसी अलग-अलग वजह बताकर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने की कोशिश कर रहे हैं. चूंकि ये अब पूर्व छात्रों के कैटेगरी में शामिल हैं और नियमों के तहत इन्हे अब यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
अहमदाबाद के गुजरात यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन 7 पूर्व छात्रों को हॉस्टल से जाने के लिए कहा है, जो पढ़ाई पूरी होने के बाद भी हॉस्टल में ठहरे हुए थे. दरअसल, इन स्टूडेंट की पढ़ाई पूरी हो चुकी है, लेकिन किसी न किसी बहाने से ये हॉस्टल में अन्य स्टूडेंट के साथ रह रहे थे. इन स्टूडेंट में 6 अफगानिस्तान और एक अफ्रीका का था. अब इन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है. गुजरात यूनिवर्सिटी ने इसकी जानकारी अफगानिस्तान कांसुलेट को देकर उन्हें वापस अपने देश लौटने की व्यवस्था कर दी है. गौरतलब है कि पिछले महीने इसी यूनिवर्सिटी परिसर में नमाज पढ़ने को लेकर भारतीय और विदेशी छात्रों में झड़प हुई थी. इसके बाद से ही सभी विदेशी छात्रों को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया है.
गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलपति नीरजा गुप्ता ने बताया कि यूनिवर्सिटी में 150 विदेशी स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं. ये सभी लंबे समय से पेपर, स्टैंपिंग कोचिंग जैसी अलग-अलग वजह बताकर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने की कोशिश कर रहे हैं. चूंकि ये अब पूर्व छात्रों के कैटेगरी में शामिल हैं और नियमों के तहत इन्हे अब यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
16 मार्च को हुई थी छात्रों में झड़प
बीते 16 मार्च की रात लगभग साढ़े 10 बजे हॉस्टल के ए-ब्लॉक के कैंपस में नमाज पढ़ने को लेकर विदेशी छात्रों और स्थानीय छात्रों के बीच मारपीट हो गई थी. यहां विदेशी मुस्लिम छात्र सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ रहे थे. एक स्थानीय हिंदू छात्र ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो मुस्लिम छात्रों ने उस पर हमला कर दिया था. इसके बाद मामला बिगड़ गया था और जवाब में स्थानीय छात्रों ने विदेशी छात्रों के साथ जमकर मारपीट की. कैंपस में खड़ी गाड़ियां समेत हॉस्टल के कमरों तक जमकर तोड़फोड़ हुई. इसके बाद राज्य सरकार ने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था.
घटना के बाद हरकत में आया विदेश मंत्रालय
इस घटना के बाद विदेश मंत्रलय हरकत में आ गया था. इतना ही नहीं अफगानिस्तान और गाम्बिया के प्रतिनिधिमंडल ने भी यूनिवर्सिटी का दौरा किया था. इस घटना के बाद विदेशी छात्रों को नए हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया था और अब उनमें से 7 को यूनिवर्सिटी से जाने को कहा गया है.