उज्जैन। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी एमपी के उज्जैन में तैयार की जा रही है। विक्रमादित्य शोध पीठ के निर्देशक श्रीराम तिवारी ने मीडिया को बताया कि यह वैदिक घंडी विशेष तरीके से तैयार की जा रही है। यह हिन्दी-अंग्रेजी के साथ ही 198 तरह की भाषाएं बताएगी। इस घड़ी को विशेष तरह की चिप से तैयार किया जा रहा है।
दुनिया की पहली ऐसी घड़ी
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी अपने आप में ऐसी पहली घड़ी है। जो कि भारतीय काल गणना पर आधारित है। इस घड़ी के एप का लोकापर्ण 30 मार्च को होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि छोटे स्वरूप में तकरीबन 100 घड़ी तैयार की जा रही है। यह घड़ी देश ही नही विदेशों में भी लगाई जाएगी। जिससे घड़ी और यहां का मान बढ़ सकेगा।
ऐसी ज्ञान-वान है वैदिक घड़ी
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी एप जीपीएस द्वारा संचालित है। इससे यह किसी भी स्थान पर सूर्याेदय के समय को सटीकता से जान पाता है और उसके अनुसार वैदिक समय की गणना करता है। यह एप 189 से अधिक भारतीय एवं वैश्विक भाषाओं में देखा जा सकता है। यह घड़ी सूर्याेदय से परिचालित है। अतः जिस स्थान पर जो सूर्याेदय का समय होगा, उस स्थान की कालगणना उसके अनुसार होगी। स्टेंडर्ड टाइम भी उसी से जुड़ा रहेगा। इस एप के माध्यम से वैदिक समय, लोकेशन, भारतीय स्टेंडर्ड टाइम, ग्रीन विच मीन टाइम, तापमान, वायु गति, आर्द्रता, भारतीय पंचांग, विक्रम सम्वत्, मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्यौहार, चौघडिया, सूर्य ग्रहण, चन्द्रस ग्रहण, आकाशस्था, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण आदि की जानकारी समाहित है।