मध्यप्रदेश में यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम की होगी शुरूआत, सीएम मोहन यादव ने की तैयारी

भोपाल। प्रदेश में आमजन को सुविधाएं उपलब्ध कराने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। विभिन्न विभागों की सेवाओं का लाभ आमजन को आसानी से दिलाने के लिए यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम तैयार किया जाए। यह निर्देष मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीएम हाउस में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए है। उन्होने कहा कि इस सुविधा के माध्यम से विभिन्न विभागों की सेवाएं एक साथ जोड़कर, आमजन को एक ही स्थान पर लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। यूनिफाइड पोर्टल को विभिन्न विभागों की 1700 सेवाओं को जोड़कर लांच किया जाए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों की जानकारी आमजन को आसानी से मिल सके, इसके लिए जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो।

ड्रोन से निगरानी तंत्र को मजबूत कर डेटा संग्रहण क्षमता बढ़ाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था नियंत्रण के लिए ड्रोन के उपयोग की व्यापक कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि शहरी यातायात प्रबंधन के लिए भी ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। साथ ही ड्रोन के माध्यम से निगरानी तंत्र को मजबूत करते हुए डेटा संग्रहण क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार ने नवीन ड्रोन नीति तैयार कर इसे लागू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास, रेरा, लोक निर्माण, जल संसाधन सहित विभिन्न विभागों की परियोजनाओं में सर्वेक्षण एवं निगरानी कार्य के लिए ड्रोन की सहायता ली जा रही है।

बढ़ाएं आईटी पार्कों की संख्या

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में एमपीएसइडीसी द्वारा आईटी पार्क विकसित किए गए हैं। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश के अनुकूल वातावरण एवं निवेश की बढ़ती संभावनाओं के दृष्टिगत आईटी पार्कों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर सहित सभी आईटी पार्कों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग महाविद्यालयों का आईआईटी के अनुरूप क्षमतावर्धन करने के निर्देश दिए।

साइबर अटैक रोकने उठाए कदम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि साइबर अटैक की घटनाएं रोकने एवं उनके प्रभावी निष्पादन के लिए मध्यप्रदेश कंप्यूटर इमरजेंसी टीम का गठन किया जाए और सभी शासकीय विभागों में मुख्य सुरक्षा अधिकारी तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा कि विभागों के सभी आईटी प्रोजेक्ट, वेबसाइट, ऐप्स का सिक्योरिटी ऑडिट किया जाए, जिसमें सिस्टम के सुरक्षा मानक, डेटा प्रबंधन और प्रोजेक्ट्स की कार्यक्षमता का मूल्यांकन सुनिश्चित हो, जिससे समय रहते किसी भी संभावित जोखिम की पहचान एवं बचाव के उपाय किए जा सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि इस वर्ष अभी तक विशेषज्ञों की टीम ने 134 नेटवर्क अटैक को रोकने में सफलता प्राप्त की है। गत माह ऑपरेशन सिंदूर के समय संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त 72 आईपी की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करने की कार्रवाई की गई।

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