इस योजना को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) कहा जा रहा है, यह योजना अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी,,
मोदी सरकार ने 24 अगस्त को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UNIFIED PENSION SCHEME) का ऐलान किया है। एकीकृत पेंशन योजना क्या है और इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को क्या लाभ होगा? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं। वहीं, मौजूदा न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की तुलना में यूपीएस कितना फायदेमंद है, इसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
UPS के साथ-साथ NPS का भी विकल्प
आपको बता दें कि सरकार ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) को खत्म नहीं किया है। अब पेंशन चुनने के लिए यूपीएस के साथ-साथ एनपीएस का भी विकल्प मिलेगा। एक बार चयन हो जाने पर निर्णय अंतिम होगा। मौजूदा एनपीएस से कितनी अलग है यूनिफाइड पेंशन स्कीम, कौन सी है आपके लिए फायदेमंद, क्या नई स्कीम में हैं कोई जटिलताएं?
UNIFIED PENSION SCHEME में सरकार का योगदान बढ़ा
एनपीएस के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान देता है। जबकि सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है। यूपीएस (UNIFIED PENSION SCHEME) में सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो गया है। जबकि कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान देना जारी रखेंगे। एनपीएस में योगदान करने वाले कर्मचारी धारा 80 सीसीडी(1) के तहत अपने वेतन (मूल + महंगाई भत्ता) के 10 प्रतिशत तक कर कटौती के लिए पात्र हैं। जो धारा 80 सीसीई के तहत ₹1.5 लाख की कुल सीमा के अधीन है।
UPS 12 महीनों के औसत वेतन पर आधारित
नई पेंशन योजना यानी एनपीएस की आलोचना के बाद सरकार ने शनिवार, 24 अगस्त को एक संशोधित पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UNIFIED PENSION SCHEME) कहा जा रहा है। यह योजना अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी। इस योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यह पेंशन पिछले 12 महीनों के औसत वेतन पर आधारित होगी। लेकिन इसके लिए कर्मचारी को 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी।