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UNESCO: यूनेस्को ने ग्वालियर को “City of Music” का दर्जा दिया

gwalior fort (1)

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संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने तानसेन की नगरी ग्वालियर को Creative City Of Music के दर्जे से नवाजा है. UNESCO के इस कदम की उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तारीफ करते हुए कहा ‘गौरव भरा पल’

Creative City Of Music: मध्यप्रदेश की संगीत नगरी और संगीत सम्राट तानसेन की जन्म स्थली ग्वालियर को यूनेस्को (UNESCO) ने ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक’ का दर्जा दिया है. ग्वालियर वासियों सहित प्रदेश के लोगों के लिए यह गौरवान्वित करने वाला समाचार 1 नवंबर को मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस के अवसर पर प्राप्त हुआ। केंद्रीय संस्कृत और पर्यटन मंत्री जी ‘किशन रेड्डी’ ने बताया कि केरल में कोझिकोड को यूनेस्को के ‘साहित्य का शहर’ और ग्वालियर को ‘संगीत का शहर’ के रूप में नामित किया गया है.

इस उपलब्धि को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गौरव भरा पल बताया। उन्होंने बुधवार को सुबह ट्वीट किया ‘मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश खासकर ग्वालियर वासियों के लिए एक गौरव भरा ऐतिहासिक पल है. बताया जा रहा कि ग्वालियर को ये टाइटल संगीतकार बैजू बावरा और तानसेन की वजह से मिला है. 31 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड सिटीज डे’ पर यूनेस्को ने विश्व के 55 ऐसे शहरों की सूची जारी की है, जिसे ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क’ में शामिल किया गया है.

अब यूनेस्को (UNESCO) करेगा ग्वालियर शहर की ब्रांडिंग

UNESCO द्वारा ग्वालियर को ‘म्यूजिक सिटी’ घोषित किए जाने के बाद अब शहर की ब्रांडिंग की जाएगी। यूनेस्को की वेबसाइट पर दुनियाभर के हेरिटेज स्थानों को दिखाया जाता है. इसके अंतर्गत आर्ट, म्यूजिक, क्राफ्ट, लिटरेचर, फ़ूड के फेमस शहरों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

म्यूजिक सिटी बनने पर इसमें ग्वालियर को भी शमिल किया गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टूरिस्ट प्लानिंग में भी ग्वालियर को शामिल किया जाएगा। दूसरे देशों के प्रतिनिधि जब हमारे देश में आएंगे तो उनके टूर प्लान में ग्वालियर को जोड़ा जा सकता है. इससे ग्वालियर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

कौन हैं तानसेन और बैजू बावरा

तानसेन का जन्म ग्वालियर से लगभग 45 किलोमीटर दूर ग्राम बेहट में मकरंद बघेल के घर में हुआ था. वे अकबर के नवरत्नों में से एक थे. तानसेन का नाम रामतनु भी था. वे स्वामी हरिदास के शिष्य थे. बाद में उन्होंने हजरत मुहम्मद गौस से म्यूजिक सीखा। वह अकबर के संगीतकार थे। उन्हें उनकी महाकाव्य ध्रुपद रचनाओं के लिए याद किया जाता है, जिसमें कई नए राग रचे गए. साथ ही संगीत पर दो क्लासिक पुस्तकें श्री गणेश स्तोत्र और संगीता सारा लिखी गई.

बैजू बावरा के सामने तानसेन जैसे गायक भी नतमस्तक थे. बैजू बावरा ग्वालियर के राजा मानसिंह के दरवार के गायक और उनकी संगीत नर्सरी के आचार्य भी रहे. उनका जन्म गुजरात के चांपानेर गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इनका असली नाम बैजनाथ मिश्रा था.

क्या है यूनेस्को? (United Nations Aducational, Scientific and Cultural Organization)

संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन 16 नवंबर 1945 को हुआ. इसका मुख्यालय पेरिस,फ़्रांस में है. इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृत के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है. ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बने.

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