ब्रिटेन (Britain), फ्रांस (France) और कनाडा (Canada) ने इजराइल (Israel) के खिलाफ साझा बयान जारी कर गाजा (Gaza) में चल रहे सैन्य अभियान (military operation) को तत्काल रोकने की मांग की है। इन देशों ने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल ने गाजा में अपनी कार्रवाई जारी रखी, तो उस पर प्रतिबंध (sanctions) लगाए जा सकते हैं। साथ ही, ये देश वेस्ट बैंक (West Bank) में इजराइल के किसी भी विस्तार (expansion) का विरोध करने की बात कह रहे हैं। इनका कहना है कि गाजा में मानवीय संकट (humanitarian crisis) गहराता जा रहा है, और इजराइल की कार्रवाइयों से क्षेत्र में तनाव (tension) बढ़ रहा है।
गाजा के समर्थन में देशों का रुख
इन तीनों देशों ने गाजा में तत्काल मानवीय सहायता (humanitarian aid) पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि इजराइल ने गाजा पर लगभग ढाई महीने से सहायता पर रोक (blockade) लगा रखी है, जिसके कारण वहां भुखमरी (famine) का खतरा मंडरा रहा है। स्विट्जरलैंड (Switzerland) जैसे अन्य देशों ने भी इजराइल से इस नाकेबंदी को हटाने की मांग की है, ताकि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून (international humanitarian law) का पालन हो सके। इन देशों का कहना है कि गाजा में नागरिकों (civilians) की सुरक्षा और बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इजराइल का जवाब
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने इन चेतावनियों का कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ये देश हमास (Hamas) जैसे आतंकी संगठन को “इनाम” दे रहे हैं, जबकि इजराइल आतंकवाद (terrorism) के खिलाफ लड़ रहा है। नेतन्याहू ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के विजन का समर्थन करते हुए कहा कि इजराइल गाजा में अपने अभियान को पूरी ताकत से जारी रखेगा, ताकि क्षेत्र को पूर्ण नियंत्रण (full control) में लिया जा सके। उन्होंने इन देशों पर दोहरे मापदंड (double standards) अपनाने का आरोप लगाया।
गाजा में इजराइल की कार्रवाइयां
इजराइल ने हाल ही में गाजा में एक नया सैन्य अभियान शुरू किया है, जिसके तहत खान यूनिस (Khan Younis) और जबालिया (Jabalya) जैसे क्षेत्रों में हवाई हमले (airstrikes) और जमीनी कार्रवाइयां (ground operations) तेज कर दी गई हैं। इन हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं, और कई नागरिक क्षेत्रों, जैसे अस्पतालों (hospitals) और स्कूलों (schools), को निशाना बनाए जाने की खबरें हैं। इजराइल का दावा है कि ये हमले हमास के कमांड सेंटर (command centers) और सुरंगों (tunnels) को नष्ट करने के लिए हैं, लेकिन स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि इन हमलों में नागरिकों को भारी नुकसान हो रहा है। गाजा में 20 महीने से चल रहे युद्ध (war) में अब तक 53,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जैसा कि हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय (Hamas-run health ministry) का दावा है।
दुनिया क्यों है खिलाफ?
इजराइल की कार्रवाइयों, खासकर गाजा में सहायता की रोक और नागरिक क्षेत्रों पर हमलों के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय (international community) का गुस्सा बढ़ रहा है। खान यूनिस में एक अस्पताल पर हमले में 28 लोगों की मौत और यूरोपियन हॉस्पिटल (European Hospital) पर बमबारी की घटनाओं ने वैश्विक नाराजगी को और भड़काया है। इसके अलावा, इजराइल द्वारा हमास नेता मोहम्मद सिनवार (Mohammed Sinwar) को निशाना बनाने की कोशिशें और जबरन विस्थापन (forced displacement) की नीतियों ने भी आलोचना को बढ़ावा दिया है। कई देशों का मानना है कि इजराइल की ये कार्रवाइयां क्षेत्रीय स्थिरता (regional stability) के लिए खतरा हैं और शांति वार्ता (peace talks) को नुकसान पहुंचा रही हैं।
इस बीच, इजराइल और हमास के बीच कतर (Qatar) में बंधक और युद्धविराम वार्ता (hostage and ceasefire talks) फिर से शुरू हुई है, लेकिन इजराइल के सख्त रुख और गाजा में बढ़ते हमलों ने इस प्रक्रिया को जटिल बना दिया है। दुनिया अब इस क्षेत्र में शांति और मानवीय सहायता की बहाली की उम्मीद कर रही है, लेकिन तनाव कम होने के आसार कम ही दिख रहे हैं।