2 Year Graduation Policy UGC : भारत में कॉलेजों में होने वाले ज़्यादातर ग्रेजुएशन कोर्स 3 साल के होते हैं. जैसे B.com , BBA, B.sc, BCA और कुछ कोर्स 3 साल से ज्यादा का समय लेते हैं जैसे BALLB , BE वगैरह – वगैरह और मास्टर कोर्स अमूमन 2 साल के होते हैं. कुलमिलाकर एक व्यक्ति को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने में 5 साल का समय लगता है मगर अब आप 4 साल में ही बेचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल कर सकते हैं . UGC यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ग्रेजुएशन की डिग्री को 3 साल की जगह 2 साल में पूरा करने का प्लान बनाया है.
2 साल में ग्रेजुएशन
UGC 2 Year Graduation Programme : University Grant Commission ने दो दाल में ग्रेजुएशन यानी 2 Year Bachelors Degree Programme को को शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है. UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा है कि आयोग ऐसी व्यवस्था बना रहा है कि कोई भी कॉलेज स्टूडेंट अपने सिलेबस का टाइम ड्यूरेशन अपने हिसाब से घटा और बढ़ा सकेगा । वर्तमान में जो ग्रेजुएशन प्रोग्राम 3 या 4 साल का होता है उसे स्टूडेंट चाहे तो दो या ढाई साल में भी पूरा कर सकता है. UGC के हिसाब से ऐसे स्टूडेंट जो कम समय में अपना क्रेडिट स्कोर पूरा कर लेते हैं वो अपनी ग्रेजुएशन को 2 साल का प्रोग्राम बना सकते हैं और जो छात्र कमजोर हैं वो अपने ग्रेजुएशन कोर्स की समय सीमा को बढ़ा भी सकते हैं.
दो साल के ग्रेजुएशन से क्या फायदा होगा
Benefits Of Two Year Graduation Programme : अगर UGC दो साल में ग्रेजुएशन के प्लान को इम्प्लीमेंट कर देता है तो इससे छात्रों को दो तरह से फायदा मिल सकता है. पहला तो यही है कि ऐसा करके उनका समय बचेगा और दूसरा ये कि एक साल की कॉलेज फीस भी बच जाएगी।
नई शिक्षा निति में ब्रेक लेने का भी ऑप्शन
2020 में लागू कोई नई राष्ट्रीय शिक्षा निति के तहत UGC ने बीच डिग्री में ब्रेक लेने का भी ऑप्शन दिया है. अगर कोई छात्र किसी कारणवश कोर्स पूरा करने में असक्षम है तो वह बीच कोर्स से ब्रेक लेकर कुछ समय में अंतराल के बाद वापस से अपनी पढाई उसी कक्षा से शुरू कर सकता है.