Uddhav Thackeray Group Change Symbol : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इससे पहले चुनाव आयोग ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट को संशोधित ‘मशाल’ चुनाव चिन्ह दिया है। जून 2022 में शिंदे गुट ने शिवसेना से अलग होने का फैसला किया था। इससे शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी। इसके चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को दो तलवार और एक ढाल का चुनाव चिन्ह मिला था। वहीं, उद्धव ठाकरे के गुट को मशाल का चुनाव चिन्ह दिया गया था। इस बार इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है।
उद्धव ठाकरे गुट का नया चिन्ह आइसक्रीम जैसा दिखता है। Uddhav Thackeray Group Change Symbol
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे गुट के चुनाव चिन्ह ‘मशाल’ का विरोधियों ने आइसक्रीम कोन जैसा दिखने के लिए मजाक उड़ाया था। ऐसे में इस चुनाव चिन्ह में थोड़ा बदलाव किया गया है। अब नए चुनाव चिन्ह में ‘मशाल’ साफ तौर पर दिखाई दे रही है। इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को ईवीएम पर अपडेटेड मशाल चुनाव चिन्ह देखने को मिलेगा। दरअसल, पार्टी में विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना को मशाल और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को दो तलवारें और ढाल चुनाव चिन्ह के तौर पर दिए थे।
शिवसेना का पहला चुनाव चिन्ह जलती हुई मशाल था | Uddhav Thackeray Group Change Symbol
बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना ने 1985 के चुनाव में ‘जलती हुई मशाल’ चुनाव चिन्ह पर सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था। अपनी स्थापना के बाद से ही शिवसेना कई चिन्हों पर चुनाव लड़ती रही है। इसमें रेल इंजन, ताड़ के दो पेड़, तलवार और ढाल शामिल हैं। 1989 में शिवसेना के चार सांसद धनुष-बाण चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे थे।
कोई सीट बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है, तो कोई सीट पाने के लिए।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजित पवार की एनसीपी का महायुति गठबंधन इस समय सत्ता बरकरार रखने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद चंद्र पवार) और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सत्ता पाने के लिए अपनी ताकत आजमाने की तैयारी में है। लोकसभा में महा विकास अघाड़ी ने राज्य में बढ़त हासिल कर ली है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होंगे विधानसभा चुनाव।
नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में भी उन्हें यही भरोसा है। इसलिए एमवीए नेताओं ने भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव में एमवीए गठबंधन फिर से सरकार बनाएगा। इसलिए इस बार चुनाव काफी रोमांचक होने वाला है। राज्य में एक ही चरण में चुनाव होंगे। 20 नवंबर को मतदान प्रक्रिया पूरी होगी और 23 नवंबर को मतगणना होगी।