Two people died due to collapse of a kutcha house in Rewa: रीवा जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के नदना गांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें जर्जर कच्चे मकान के अचानक ढहने से दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना रीवा जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर दूर हुई, जिसने जर्जर इमारतों के रखरखाव और निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया है।
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जानकारी के अनुसार, नदना गांव निवासी रावेंद्र सिंह उर्फ पप्पू अपने पुराने कच्चे मकान को ढहाकर नया निर्माण शुरू कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गांव के ही दो श्रमिकों, गणेश कोल और रिंकू कोल, के साथ मिलकर मकान की दीवार गिराने का काम शुरू किया। कार्य के दौरान अचानक पूरा मकान भरभराकर ढह गया, जिसके मलबे में रावेंद्र सिंह, गणेश कोल और रिंकू कोल दब गए। स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत मलबे से उन्हें निकालने की कोशिश की और आनन-फानन में संजय गांधी अस्पताल पहुंचाया। लेकिन, अस्पताल में चिकित्सकों ने रावेंद्र सिंह उर्फ पप्पू और गणेश कोल को मृत घोषित कर दिया। रिंकू कोल की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।

हादसे की सूचना मिलते ही बैकुंठपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों और परिजनों के अनुसार, मकान की जर्जर स्थिति और सुरक्षा उपायों की कमी इस हादसे का प्रमुख कारण हो सकती है। पुलिस इस बात की गहन जांच कर रही है कि हादसे की असल वजह क्या थी और क्या निर्माण कार्य में कोई लापरवाही बरती गई।इस दुखद घटना से नदना गांव में शोक का माहौल है। परिजनों और स्थानीय लोगों में गम और गुस्सा है, क्योंकि इस तरह के हादसे सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण बार-बार सामने आ रहे हैं।

जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि पुराने और जर्जर मकानों को ढहाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह ली जाए और सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करें। यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि यह निर्माण कार्यों में सुरक्षा के प्रति लापरवाही और जर्जर भवनों के जोखिम को भी रेखांकित करता है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और जर्जर इमारतों की समय-समय पर जांच सुनिश्चित की जाए।